महाशिवरात्रि मेला में 6 पोल का सर्कस का हुआ उद्घाटन
रोलेक्स सर्कस का उद्घाटन करते ओएसडी, एसडीसी और मेला संवेदक।
कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
देवाधिदेव महादेव की नगरी में महाशिवरात्रि के अवसर पर लगने वाला मेला एक से एक विवादों को पिछे छोड़ मेला में श्रद्धालुओं की भीड़ एक बार फिर उमड़ने लगी है। वही सिंहेश्वर मेला में देर आए दुरुस्त आए के तर्ज पर पिछले 10 साल में पहली बार 6 पोल का रोलेक्स सर्कस का आज उद्घाटन जिला नजारत उप समाहर्ता पंकज कुमार घोष, एसडीसी संतोष कुमार, मेला संवेदक जितेंद्र कुमार सिंटू और आभाष झा ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया। उसके बाद सर्कस का पहला शो शुरू किया गया। बता दें कि मेला में लगभग सबकुछ था लेकिन सिर्फ एक सर्कस नही रहने के कारण मेला अधूरा- अधूरा सा लगता था। हालांकि एक बड़ा सर्कस आने से यह कमी भी अब दूर हो गई है। यह सर्कस सिंहेश्वर मेला प्रमुख आकर्षण का केंद्र होगा। उद्घाटन के उपरांत रोलेक्स सर्कस के दर्जनों कलाकारों के द्वारा एक से बढ़कर एक कला की प्रस्तुत किया गया। कलाकरों के द्वारा किये गए अद्भुत प्रस्तुति को देखकर मौजूद दर्शकों ने आनंद उठाया। इस दौरान जिला नजारत उप समाहर्ता पंकज कुमार घोष ने कहा कि इस बाबा सिंहेश्वर नाथ की धरती पर जो यह मेला लगा है। अति प्रसिद्ध और पौराणिक मेला है। इस मेला में अन्य जिलों के दूर दराज से यहां तक की पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग यहां आते हैं। बाबा को जल चढ़ाने के बाद मेला का आनंद लेते हैं। सभी को यह बात मालूम है कि मेला रोजगार, मनोरंजन का जरिया होता है। इसकी एक अलग सांस्कृतिक पहचान भी होती है। यहां हम लोग भी बहुत छोटे से मेला देखने आते थे। इस पावन धरती पर रोलेक्स सर्कस का उद्घाटन हुआ है। मेला में संवेदक के द्वारा मनोरंजन के कई साधन उपलब्ध कराए हैं। जिसके कारण दिन प्रतिदिन मेला में भीड़ बढ रही है।
मेला संवेदक जितेंद्र कुमार सिंटू ने बताया कि इस बार मेला में मनोरंजन के कई साधन है। आप लोगों के बीच लगभग दस वर्ष में पहली बार इतना बड़ा रोलेक्स सर्कस आया है। मेला में लगातार भीड़ बढ रही है। मेला में रोलेक्स सर्कस के साथ साथ, मछलियों का संग्रहालय में एक से एक प्रजाति का मछली का आनंद ले सकते हैं। वही मेला में माता वैष्णो देवी का गुफा बना हुआ है। जो लोग मां वैष्णो देवी का दर्शन करके आए हैं। उनको अनुभव होगा कि वह मां वैष्णो देवी की गुफा में घूम रहे हैं। जो नहीं गए हैं उनको लगेगा कि ऐसा ही मां वैष्णो देवी का गुफा होगा। साथ ही मेला में बहादुर लोगों के लिए उड़िसा से रेंजर झूला भी मेला का मुख्य आकर्षण है ।फीस टनल में विभिन्न प्रजातियां की मछली का प्रदर्शनी
वही इस बार नया जादूघर एक जबरदस्त जादूगर के जादुगरी के साथ मेला में धमाल मचा रहा है। सर्कस के प्रबंधक मोला सदीक रहमान उर्फ हैप्पी दा ने बताया सर्कस रोजाना तीन शो खेला जाएगा। जो दिन के एक बजे चार बजे तीसरा शो शाम के सात बजे चलेगा। उन्होंने कहा सर्कस खेल में एक कलाकार के द्वारा चार पीस सिंघी मछली निकल कर फिर से उसे बाहर निकालने का अद्भुत कारनामा कर दिखाएगा। दूसरा पानी पीकर अलग- अलग कला दिखाएगा। वही जोकर इस सर्कस में है वैसा पूरे भारतवर्ष में दूसरा जोकर नहीं है। ऐसा जोकर का खेल कहीं सर्कस में नहीं देखे होंगे। साथ ही उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को सर्कस को बढ़ाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। सर्कस उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते ओएसडी
क्योंकि सर्कस को सभी छोटे- बड़े साथ में बैठकर देख सकते हैं। जबकि फिल्म को साथ में बैठकर नहीं देख पाते हैं। अगर सरकार इस पर पहल नही करती है तो कुछ दिन बाद सर्कस विलुप्त हो जाएगा। अपने बच्चों को लोग कहानी में सर्कस के बारे में बताएंगे। सर्कस में जिमनास्टिक का प्रदर्शन मणिपुर की कलाकार के द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। दो घंटा के शो में लगभग 25 से 30 खेल दिखाया जाएगा। मौके पर सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति सदस्य संजीव ठाकुर, पूर्व सदस्य सरोज सिंह, झूला मालिक कमरूल, प्रमोद चौधरी, सोनू यादव सहित अन्य मौजूद थे।