कोशीतक/ सुपौल
देश के सबसे बड़े निर्माणाधीन पुल के गिरने से बिहार के निर्माण कंपनियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। वही लोग कहना लगें है क्यों बिहार में इस तरह ताश के पत्ते की तरह निर्माणाधीन पुल गीर रहे हैं।
भागलपुर में गिरा था पुल रहा था सुर्खियों में।
सुत्रो अनुसार भागलपुर में जून 2023 में निर्माणाधीन पुल अचानक ही भरभराकर गिर गया था। खगड़िया -अगुवानी- सुल्तानगंज के बीच बन रहे पुल के टूटने का वीडियो सामने आया था। जिसमें नजर आया कि देखते ही देखते पूरा पुल गंगा नदी में समा गई। हैरानी की बात ये थी कि 2 साल पहले भी इस पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया था। 2014 में सीएम नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था। इस पुल की कुल लागत 1717 करोड़ रुपए थी। इस निर्माणाधीन पुल के कुछ हिस्से को अप्रैल में आंधी के कारण भी नुकसान पहुंचा था।
दिसंबर 2022 में भी बेगूसराय में गंडक नदी पर बना पुल भी उद्घाटन से पहले ही इसी तरह भरभरा कर ढह गया था। गंडक नदी के इस पुल को 14 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा था।
15 मई 2023 को पूर्णिया में ढलाई के दौरान एक बॉक्स ब्रिज भरभरा कर गिर पड़ा था। घटना बायसी प्रखंड के चंद्र गामा पंचायत के मिलिक टोला हाट के सलीम चौक की है।
फरवरी महीने में ही बायसी के खपड़ा से 1 करोड़ 14 लाख की लागत से बन रहे एक पुल के ढहने का मामला सामने आया था। इस घटना में दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उसके बाद 3 महीने के भीतर यह पुल फिर जमींदोज हो गया।
सहरसा जिले में भी जून 2022 में सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर एक निर्माणाधीन पुल गिर गया था। वह पुलिस 147 लाख रुपये की लागत से बनना था। तब विभाग का कहना था कि ठेकेदार को सेंटरिंग बदलने को कहा गया था। लेकिन आनन-फानन में ठेकेदार ने पुल की ढलाई कर दी।
इतना ही नही उससे भी पहले सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का सेगमेंट ढह गया था। जिसे लेकर कहा गया कि आंधी-पानी की वजह से पुल क्षतिग्रस्त हुआ है । उससे पहले श्री कृष्ण सेतु का एप्रोच पथ धंस गया था। वहीं गोपालगंज के पुल को भी नहीं भुलाया जा सकता। जिसके उद्घाटन के कुछ दिन बाद ही एप्रोच पथ नदी की तेज धारा में बह गया था। इन सभी घटनाओं ने राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ देशभर में जबरदस्त सुर्खियां बटोरी थीं।
जुलाई 2022 में, बिहार के कटिहार जिले में एक निर्माणाधीन सीमेंट कंक्रीट आरसीसी पुल गिरने से 10 मजदूर घायल हो गए थे।
कटिहार के दो ब्लॉक समेली और बरारी को जोड़ने के लिए कोसी पर पुल का निर्माण एक करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा था। 2021 में ही इसकी आधारशिला रखी गई थी।
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