कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
बीपी. मंडल कालेज ऑफ इंजीनियरिंग मधेपुरा में जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100 वीं जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो अरविंद कुमार अमर ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर दूरदर्शी होने के साथ साथ एक ओजस्वी वक्ता भी थे। डा. शोभनाथ राय ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 और निधन 17 फरवरी 1988 को हुआ था। भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे। बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उसे प्रगति-पथ पर लाने और विकास को गति देने में उनके अपूर्व योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा। और लोग उनके विराट व्यक्तित्व के प्रति आकर्षित हो जाते थे। कर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहे और संघर्ष करते रहे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्ट विचार और अदम्य इच्छा शक्ति बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी। कर्पूरी ठाकुर का चिर परिचित नारा था। अधिकार चाहो तो लड़ना सीखो पग पग पर अड़ना सीखो जीना है तो मरना सीखो। जन सम्पर्क पदाधिकारी प्रो. निशिकांत कुमार ने बताया कि कालेज के सभी प्रध्यापक गण, कर्मचारी कर्मचारीगण एवं छात्रों ने उनके उपलब्धियों को याद करते हुए एक साथ मिलकर उनके समर्पण और कर्मयोगी जीवन को साझा किया।