बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू
सिंहेश्वर मधेपुरा
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी में समायोजन करने में सरकार लगातार टालमटोल कर रही है। जिससे शिक्षकों में आक्रोश पनप रहा है। साथ ही एकबार फिर शिक्षकों में सरकार के रवैये से निराशा उत्पन्न हुई है। इस बाबत संघ ने मुख्यमंत्री को ईमेल द्वारा ज्ञापन सौंपा है। जिसमें माँग की गई यदि सरकार द्वितीय चरण के अध्यापक नियुक्ति के विज्ञापन से पहले पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्थानों में कार्यरत सभी चार लाख शिक्षकों को सरकारी कर्मी घोषित नहीं करती है। तो संपूर्ण बिहार में राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा। श्री पप्पू ने कहा कि वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी में समायोजन किया जाए । साथ ही सहायक शिक्षक मानते हुए वेतन व सारी सुविधाएं अविलंब घोषित किया जाए। नियोजित शिक्षको का लंबित ऐच्छिक स्थानांतरण की प्रक्रिया अविलंब प्रारंभ की जाए। सरकार द्वारा प्रोन्नति पर लगे रोक हटने के बाद भी वर्षों से लंबित नियोजित शिक्षकों का बेसिक ग्रेड में 08 वर्ष का कार्य पूर्ण को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति एवं स्नातक ग्रेड में 5 वर्ष का कार्य पूर्ण करने वाले को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति अविलंब की जाए। बेसिक ग्रेड में 12 वर्ष कार्य पूर्ण करने वाले शिक्षकों को स्नातक वेतन वेतन उन्नयन कर कालवद्ध प्रोन्नति नियमावली के निहित प्रावधानों के तहत अविलंब की जाए। बेसिक ग्रेड के नियोजित शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति करने के उपरांत ही द्वितीय चरण का अध्यापक (6-8) में नियुक्त प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। मृत शिक्षक के आश्रितों को वर्षों से लंबित अनुकंपा पर नियुक्ति की प्रक्रिया अविलम्ब पूर्ण कराई जाए। डीएलएड एवं डीएलएड ओडीएल प्रशिक्षण में अनुत्तीर्ण शिक्षकों का परीक्षा नियमावली के तहत पूरक परीक्षा अविलम्ब ली जाए। साथ ही वैसे अप्रशिक्षित शिक्षकों को तत्काल वेतन भुगतान किया जाए।
श्री पप्पू ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी नियोजित शिक्षक एवं नव नियुक्त अध्यापकों के आवास भत्ता कटौती कर निजी एजेंसी को देकर आवास मुहैया कराने की कार्यप्रणाली त्रुटि पूर्ण है। तत्काल रोक लगाई जाए। यह व्यवस्था सिर्फ सुविधा प्राप्त करने वाले शिक्षक व अध्यापक के लिए प्रभावी बनाया जा सकता है।
शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक को शिक्षक की सभी सुविधा मुहैया कराई जाए।
नव नियुक्त अध्यापक को स्वैच्छिक जिला आवंटित कराई जाए तथा सहमति के आधार पर ही विद्यालय पदस्थापन की जाए।
नव नियुक्त अध्यापकों को नियुक्ति तिथि से ही वेतन भुगतान करने का प्रावधान सुनिश्चित की जाए। जो नियोजित शिक्षक अध्यापक बने हैं। उसका ऐच्छिक जिला एवं विद्यालय पदस्थापन करने की नीति निर्धारण की जाए। नियोजित शिक्षक से अध्यापक बनने वाले को वेतन संरक्षण एवं सेवा निरंतरता का लाभ हाल में दिया जाए। नियोजित शिक्षक से बने अध्यापक को परिवीक्षा अवधि से मुक्त रखा जाए। अध्यापक नियमावली 2023 के सभी प्रावधानों को विस्तार पूर्वक प्रकाशित कर लागू किया जाए।
जीओबी मद में सभी जिलों को आवंटन उपलब्ध कराई जाए तथा विभिन्न स्तर पर वेतन विसंगति को अविलंब दूर किया जाए।