बबीता कुमारी के चयन पर से रोक हटाने की मुख्यमंत्री से लगाई गुहार।

Dr.I C Bhagat
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मीरा भारती ने लगाई बबीता कुमारी के चयन पर रोक हटाने की लगाई मुख्य मंत्री से गुहार।

कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा


बबीता कुमारी के चयन पर से रोक हटाने को लेकर मुख्यमंत्री, राज्यपाल, अति पिछड़ा आयोग, महिला आयोग के यहा गुहार लगाया गया। इस बाबत मीरा भारती ने बबीता कुमारी पंचायत शिक्षिका मधुबनी के द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग के शिक्षक चयन परीक्षा में 11 वीं, 12वीं के लिए चयनित बबीता कुमारी का चयन को अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग पटना के के पाठक के द्वारा रोक लगा दिया गया। मालूम हो कि बबीता कुमारी पर आरोप है कि उन्होंने माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक बीपीएससी अध्यापक संघ बनाई है। जिसका वे प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। जिस पर विभाग ने स्पष्टीकरण पुछा था। स्पष्टीकरण का उचित जबाव नही मिलने पर उसके योगदान पर रोक लगा दिया गया है। जिस पर मीरा भारती ने कहा भारतीय संविधान में सभी को अपना हक रखने के लिए संविधान में अधिकार दिया है। तो बिहार के नए नवनियुक्त शिक्षको को संघ बनाने पर राज्य के सचिव शिक्षा विभाग के द्वारा रोक लगाया गया जो की बिल्कुल और संवैधानिक है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिए अस्त्र सत्याग्रह धरना प्रदर्शन का लोकतंत्र में अधिकार है। उन्होंने बताया बबीता कुमारी के द्वारा जो राज्य में संगठन बनाया गया है इसके आधार पर उनका चयन रद्द करना असंवैधानिक है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  कहते हैं बिहार सरकार अति पिछड़ी महिलाओं के विकास के लिए संकल्पित है। तो फिर बबीता कुमारी जैसे अति पिछड़ा वर्ग की महिला का चयन पर रोक लगाना कहा तक जायज है।   बबीता कुमारी अपने स्पष्टीकरण में जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुबनी को जो स्पष्टीकरण दिए हैं उसमें स्पष्ट लिखा हैं कि उन्होंने संघ नहीं बनाए हैं। जो की स्पष्टीकरण पर विचार भी नहीं किया गया है। श्रीमती भारती ने बताया कि आए दिन अति पिछड़ा वर्ग के महिलाओं में आक्रोश व्याप्त है। की अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के साथ शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के के पाठक के द्वारा जो करवाई किया गया है। वह अति पिछड़ा वर्ग के महिलाओं को प्रताड़ित करने जैसा है। श्रीमती भारती ने पत्र भेज कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महामहिम राज्यपाल अध्यक्ष आती पिछली आयोग अध्यक्ष महिला आयोग अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग एवं अन्य को पत्र भेजकर श्रीमती बबीता कुमारी का योगदान करवाने का अनुरोध किया है। श्रीमती भारती ने बताया कि अति पिछड़ी महिलाओं के हित में अगर स:समय सरकार विचार नहीं करती है। अति पिछड़ा वर्ग की महिलाएं न्यायालय एवं आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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