बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को मधेपुरा में आगाज, स्कूली छात्राओं को किया जाएगा जागरूक

सुकेश राणा
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 मधेपुरा।

 जिले के विभिन्न प्रखंडो के गांवों में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन के सर्वाइवर लेड इंटेलिजेंस नेटवर्क के कार्यकर्ताओं द्वारा सोमवार को अलग-अलग गांव, पंचायत तथा विद्यालयों में बाल विवाह के खिलाफ सघन जागरूकता अभियान व कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से छात्रों, शिक्षकों, पंचायती राज प्रतिनिधियों, महिलाओं, युवक-युवतियों, स्थानीय समाजसेवी संस्थाएं, समाज सेवी कार्यकर्ता आदि ने बढ़चढ़ कर गांव के लोगों को बाल विवाह न करने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही इस सामाजिक बुराई के खिलाफ शपथ भी दिलाई गई। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के जिला समन्वयक सुमित प्रकाश ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 (एनएचएफएस-2019-21) के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 20 से 24 आयुवर्ग के बीच की 23.3 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया। यह चिंता का विषय है। इस परिपेक्ष्य में यह अभियान बहुत महत्वपूर्ण है। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश के 300 से भी ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है। भारत से 2030 तक बाल विवाह के समग्र खात्मे के लक्ष्य के साथ पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान से देश के 160 गैर सरकारी संगठन जुड़े हुए हैं। इस मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, स्वयंसेवी संस्थाएं, धार्मिक नेताओं, बुद्धिजीवियों सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस मार्च का मकसद गांवों और कस्बों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना‌ था। इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने‌ व‌ सजावट करने‌ वालों, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया। मधेपुरा के 50 गांवों में सफल आयोजन का नेतृत्व निर्मल ऋषिदेव ने किया।


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