सिंहेश्वर मधेपुरा
31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 के राज्य स्तरीय कार्यक्रम 7 , 8 और 9 नवंबर को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में आयोजित होना है। इसके उद्घाटन के लिए जिला अध्यक्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष डा. नरेश कुमार एवं पूर्वोत्तर बिहार समन्वयक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के डा. कृष्ण कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर आमंत्रित किया। जिला उपाध्यक्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस मधेपुरा सह अनुमंडल पार्षद बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ मधेपुरा के अमृता कुमारी ने बताया की राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 का कार्यक्रम बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में 7 से 9 नवंबर को आयोजन होना तय हुआ है। और राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस मधेपुरा के डा. कृष्ण कुमार रात दिन लगे हुए हैं। मधेपुरा में प्रथम बार राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम होना तय हुआ है। जिसका उद्घाटन बिहार के महामहिम राज्यपाल महोदय के द्वारा तय हुआ है। उनको आमंत्रित करने गए डा. नरेश और डा. कृष्ण कुमार को राज्यपाल के द्वारा मिले सम्मान से आत्म विभोर हो गए हैं। इस क्षण को यादगार बनाने के लिए डा. नरेश कुमार और कृष्ण कुमार ने राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के सम्मान में शाल भेंट किया।
अमृता कुमारी ने बताया की शैलेश कुमार चौरसिया जिला उपाध्यक्ष बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल, रणधीर कुमार जिला अध्यक्ष बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल, प्रदीप कुमार पप्पू अध्यक्ष बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ, संजय कुमार जिला सचिव मधेपुरा, डा. संतोष कुमार सचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, कंचनमाला, सुबोध यादव, कुंदन सिंह, कुंदन कुमार, वंदना कुमारी, हीरा भारती, प्रतिमा कुमारी, किरण भारती, डा. अरुण कुमार, प्रांतीय सचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, हरदेव मेहता आनंद विजय जूनियर साइंटिस्ट, पुष्पराज, सुनील चौरसिया, शेखर कुमार, आफताब आलम, डा. साजन देव कुमार, गुंजन सिंह, अनुपम रचना, धर्मेंद्र कुमार, संजय यादव, पवन कुमार, विजय पासवान, ललन कुमार, डा. किशोर कुमार आदि शिक्षक शिक्षिकाओं ने डा. नरेश कुमार और कृष्ण कुमार को बधाई दी। उन्होंने कहा मधेपुरा का राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस ऐतिहासिक होगा। मधेपुरा समाजवादी का धरती रहा है। और राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का जागरूकता फैलाने का काम जो मधेपुरा के शिक्षक शिक्षिका कर रहे हैं। वह भी ऐतिहासिक होगा।