संविधान बचाओ संघर्ष समिति की ओर से डा. सूरज मण्डल ने ओबीसी आरक्षण 65 प्रतिशत करने की मांग की।
महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण और ईडब्ल्यूएस का आरक्षण को बताया फर्जी।
मधेपुरा
मंगलवार को संविधान बचाओ संघर्ष समिति की ओर से डा. सूरज मण्डल ने आबेडकर- मण्डल विचार की और से विनीत कुमार, समाजसेवी प्रो. जवाहर पासवान, शौकत अली, राणा रणधीर आदि ने डा. मण्डल के आवास आरसी 4 रासबिहारी नगर, वार्ड नंबर 18. मेन रोड, मधेपुरा में बिहार जाति सर्वे रिपोर्ट, नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2021, पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा आदि की गिरफ्तारी के मुद्दों पर संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा दिल्ली पुलिस द्वारा स्वतंत्र पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा व न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक से जुड़े कई पत्रकारों को गिरफ्तार करने की और पोर्टल पर कार्यवाई भर्त्सना की। न्यूज़क्लिक पर चीनी प्रचार प्रसार के लिए संदिग्ध धन प्राप्त करने का आरोप है। हालांकि कॉर्पोरेट जैक मा की मदद से चीनी धन पर शुरू किए गए पेटीएम का प्रचार खुद प्रधानमंत्री कर रहे थे। दरअसल कल बिहार सरकार द्वारा जारी जाति सर्वे रिपोर्ट से प्राप्त आंकड़े पर देश में बड़ी बहस शुरू हो गई है। और सवर्ण पार्टी होने के नाते भाजपा आरएसएस का बहुजन विरोधी चरित्र का पर्दाफाश हो गया है।
इससे विचलित होकर भाजपा, आरएसएस ने स्वतंत्र पत्रकारों और सही खबर देने वालों पर बदले की कार्रवाई शुरू कर दी है। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को कुचलना कायरता पूर्ण कार्यवाही है। मोदी सरकार सच्चाई से डर रही है। हम इसकी तीव्र भर्त्सना करते हैं।
इधर बिहार सरकार ने जारी की जाति सर्वे की रिपोर्ट।
इस रिपोर्ट में नीतीश सरकार ने कुल 215 जातियों का आंकड़ा जारी किया है। इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार में जाति के हिसाब से जनसंख्या इस तरह से है। आबादी के हिसाब से अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36:01 फीसदी है। जिसकी संख्या 4 करोड़ 70 लाख 80 हजार 514 है। वहीं पिछड़ा वर्ग 27.12 फीसदी है। जिनकी तादाद 3 करोड़ 54 लाख 63 हजार 936 है। जबकि अनुसूचित जाति के 19.6518 प्रतिशत है। इनकी आबादी 2 करोड़ 56 लाख 89 हजार 820 है। अनुसुचित जन जाति 1.6824 प्रतिशत है। जिसकी तादाद 21 लाख 99 हजार 361 है। अनारक्षित जनरल कास्ट, जिसे सवर्ण भी कह सकते हैं। आबादी 2 करोड़ 02 लाख 91 हजार 679 है। ये बिहार की कुल आबादी का 15.5224 प्रतिशत है। कई अखबारी रिपोर्ट में पिछड़ा और अति पिछड़ा को पिछड़ा और ओबीसी लिख रहे हैं। उन्होंने कहा मण्डल रिपोर्ट के अनुसार जो ओबीसी 52 प्रतिशत है। जबकि वे बिहार में 65 प्रतिशत है। और सवर्ण 10 प्रतिशत भी नहीं हैं। बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां ओबीसी, एससी, एसटी 80 प्रतिशत है। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ 3 ओबीसी है। जो भारत का मात्र 5 बजट संभालते हैं। हम मांग करते है कि राष्ट्रीय स्तर पर ईडब्लूएस आरक्षण बिना डेटा और फर्जी आधार पर है। जिसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। साथ ही ओबीसी आरक्षण को बिहार में जनसंख्या आधार पर आरक्षण 65 प्रतिशत किया जाना चाहिए। और राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना तुरंत शुरू किया जाना चाहिए। 2011 की भारत सरकार की जाति सर्वे रिपोर्ट को भारत सरकार तुरंत जारी करे। साथ ही उन्होंने मांग की कि 33 प्रतिशत महिला आरक्षण में ओबीसी महिला आरक्षण कोटा लागू करो वर्ना कुर्सी खाली करो।