सराहनीय पहल बीएनएमयू के 10 अंगीभूत महाविद्यालयों में बनेंगे वर्ग कक्ष

 

बीएनएमयू विश्वविद्यालय मधेपुरा 

सिंहेश्वर मधेपुरा


बीएनएमयू के अंगीभूत महाविद्यालयों में वर्ग कक्ष की समस्या कुछ हद तक दूर होने की उम्मीद जगी है। शिक्षा विभाग, बिहार सरकार ने विश्वविद्यालय से दस महाविद्याओं में वर्ग-कक्ष नवनिर्माण या जीर्णोद्धार का प्रस्ताव मांगा है। 

तैयार हो रहा है प्रस्ताव

उप कुलसचिव स्थापना डा. सुधांशु शेखर ने बताया कि इस संबंध में विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. डा. रेखा कुमारी का पत्र प्राप्त हो चुका है और तदनुरूप कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। कुलपति प्रो. डा. राजनाथ यादव ने इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का निदेश दिया है। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के पत्र के आलोक में सभी अंगीभूत महाविद्यालयों  में भवन नवनिर्माण या जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य विश्वविद्यालय अभियंत्रण विभाग से सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। स:समय प्रस्ताव संग्रहित करने हेतु कनीय अभियंता रीतेश प्रकाश को विशेष रूप से निदेशित किया गया है।

दस महाविधालयो का होगा चयन

उन्होंने बताया कि प्राप्त प्रस्तावों में से प्राथमिकता के आधार पर दस महाविधालयो  को चयनित कर वहां आवश्यक वर्ग-कक्ष नवनिर्माण या जीर्णोद्धार का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को प्रेषित किया जाएगा।‌ 

वर्ग-कक्ष का है घोर अभाव

उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग, बिहार सरकार द्वारा आयोजित विडियो कांफ्रेंसिंग बैठकों और विभागीय आदेशानुसार महाविद्यालयों के भ्रमण और निरीक्षण के क्रम में अंगीभूत महाविद्यालयों में वर्ग-कक्ष के घोर अभाव की बात सामने आई है। यह भी पाया गया है कि उपलब्ध भवनों का भी जीर्णोद्धार या सुदृढ़ीकरण के अभाव में समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। 

नियमित रूप से कक्षा -संचालन का है निदेश

उन्होंने बताया कि कुलपति ने सभी प्रधानाचार्यों को निदेशित किया है। कि नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन हो और विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति हेतु हरसंभव मदद उठाए जाएं। इससे कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। और वर्ग-कक्ष का अभाव कुछ ज्यादा ही खटकने लगा है।

सराहनीय पहल

उन्होंने बताया कि बीएनएमयू के प्रायः सभी महाविद्यालयों में नामांकित विद्यार्थियों की तुलना में वर्ग-कक्ष की काफी कमी है। और अधिकांश महाविद्यालयों में आवश्यक प्रयोगशाला सहित अन्य आधारभूत संरचना का अभाव है। इससे स्वाभाविक रूप से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा दस अंगीभूत महाविद्यालयों में वर्ग-कक्ष के निर्माण की पहल काफी सराहनीय है।

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