मधेपुरा।
सुकेश राणा की रिपोर्ट
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन एलो एवं राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के संयुक्त तत्वाधान में असंगठित क्षेत्र के कामगारों के हितों की रक्षा तथा उन्हें उनके श्रम अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से कामगार सूचना एवं सहायता केंद्र मधेपुरा द्वारा सोमवार को घरेलू कामगार सफाई कामगार एवं निर्माण श्रमिकों के बीच जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन मधेपुरा स्थित इंटक जिला कार्यालय में संपन्न हुआ। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन नई दिल्ली से आई नेशनल प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सुश्री वैशाली लाहिड़ी ने उपस्थित कामगारों एवं यूनियन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जापान सरकार की सहयोग से पर्स कार्यक्रम के तहत इस योजना का संचालन मधेपुरा समेत राज्य के 6 जिलों में आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि घरेलू कामगार महिलाओं की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। सरकार की उदासीनता एवं समाज की उपेक्षा पूर्ण रवैया के कारण कामगारों की स्थिति बदतर हो गई है तथा इन्हें अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों से गुजरने के लिए विवश होना पड़ रहा है। घरेलू कामगार महिलाओं की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इन कामगारों आज तक पहचान एक श्रमिक रूप में स्थापित नहीं हुई है जो घोर निराशा का विषय है। उनके कार्य में कुशलता एक जरूरी हिस्सा है परंतु इन्हें सरकार द्वारा अपेक्षित न्यूनतम मजदूरी से भी कम मजदूरी का भुगतान मिलता है।
बाबा सिंहेश्वर नाथ का प्रतिक चिन्ह देकर सम्मानित करते।
इस मौके पर इस कार्यक्रम के स्टेट कोऑर्डिनेटर आलोक रंजन श्रीवास्तव ने संबोधित करते हुए कहा कि यह एक सामाजिक कुप्रथा के रूप में आज भी समाज में कायम है जो एक सभ्य समाज के लिए कलंक है। इसके समाधान हेतु सरकार महिला संगठन एवं सामाजिक प्रबुद्ध नागरिकों का आगे आने की जरूरत है। इस मौके पर कंस्ट्रक्शन लेबर यूनियन के जिला अध्यक्ष हीरा पासवान, शिवेंद्र कुमार, बबलू कुमार सहित सैकड़ों महिलाएं एवं संगठन के कार्य करता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।
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