भादो के महीने में इन चीजों को खाने से करें परहेज, नहीं तो हो सकते है बीमारी के शिकार




मधेपुरा 


शरीर को फिट रखने के लिए समय-समय पर इसमें बदलाव करें। आयुर्वेद के अनुसार इन नियमों को शरीर में वात, पित्त और कफ की संरचना के आधार पर परिभाषित किया गया है। मौसम बदलने पर खाने-पीने की चीजों का ध्यान रखा जाना चाहिए। 23 अगस्त यानी आज से भाद्रपद मास शुरू हो गया है। इसका धार्मिक महत्व के अलावा सेहत पर भी असर होता है। इसलिए इस महीने कौन-सी चीजें खानी चाहिए किन चीजों से परहेज करना चाहिए आइए जानते हैं।  

पत्तेदार सब्जियां न खाएं

आयुर्वेद की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार भादो के महीने में हमें पत्तेदार सब्जियों से परहेज करना चाहिए। भादो में वात बढ़ जाता है। और उसी महीने में पित्त जमा होने लगता है। इससे स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आती हैं। बारिश के मौसम के चलते हरी पत्तेदार सब्जियों में बैक्टीरिया का डर रहता है। इसलिए इसे खाना स्वास्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है।


क्या खाना चाहिए?


भादों महीने में शारीरिक और बौद्धिक शुद्धि के लिए शाकाहारी भोजन ही करना चाहिए। यह सेहत के अति उत्तम माना जाता है। भादव मास, भगवान श्री कृष्ण के जन्म का महीना है। मान्यता है कि इस माह में पंचगव्य भगवान श्री कृष्ण को अर्पित कर सेवन करें। इससे सभी शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं। भादो में गाय का दूध, गाय का घी और गाय के दूध से बने अन्य उत्पाद का सेवन करना चाहिए। मान्यता है कि गाय के दूध का सेवन करने से वंश वृद्धि होती है। गाय का दूध खाने से शक्ति मिलती है। व्रत यानी उपवास रखना चाहिए। गलत आदत और गलत संगत से दूर रहें।

क्या नहीं खाना चाहिए?

भाद्रपद मास में गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि भाद्रपद मास में गुड़ के सेवन से पेट संबंधी बीमारी होने का खतरा भी रहता है तथा बोलने में दिक्कत हो सकती है। भादो के महीने में शहद नहीं ग्रहण करना चाहिए। भादव मास में दही, दही -भात और दही से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे कफ बनती है सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा पेट भी खराब हो सकता है। भादो मास में प्याज, लहसुन, अधिक मसाले वाली चीजें नहीं खाना चाहिए। मूली और बैंगन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। भादव मास में मछली, मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है। इसका त्याग करना चाहिए। भादव मास में नारियल का तेल नहीं खाना चाहिए। कहा जाता है कि इससे संतान सुख में कमी आती है। माना जाता है कि किसी दूसरे व्यक्ति का दिया हुआ भात या चावल नहीं खाना चाहिए। इससे घर में दरिद्रता आती है। इस माह में तिल का तेल नहीं खाना चाहिए। ये बीमारी का कारण बन सकता हैं।


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