सिविल सर्जन ने एनटीईपी कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिया जरूरी निर्देश
संभावित मरीजों की खोज व उन तक उपलब्ध सरकारी योजनाओं की पहुंच कराए सुनिश्चित।
अररिया ।
जिले को सरकार द्वारा तय सीमा के अंदर टीबी मुक्त बनाना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है। इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर सतत प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षात्मक बैठक मंगलवार को जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में आयोजित की गई। इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. विधानचंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संबंधित विभिन्न मामलों की गहन समीक्षा की गई। बैठक में संभावित टीबी मरीजों की खोज व शत प्रतिशत मरीजों तक उपलब्ध सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने पर विशेष जोर दिया गया। बैठक में डीआईओ डा. मोईज, सीडीओ डा. वाई पी सिंह, डब्ल्यूएचओ के कंस्लटेंट मेजर अवकाश सिन्हा, डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार, जिला टीबी समन्वयक दामोदर शर्मा सहित सभी एसटीएस, एसटीएलएस सहित अन्य मौजूद थे।
टीबी मरीजों के प्राइवेट नोटिफिकेशन में लाए तेजी
कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए सिविल सर्जन डा. विधानचंद्र सिंह ने कहा कि तय समय सीमा के अंदर जिले को टीबी मुक्त बनाना विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है। संभावित टीबी मरीजों की खोज व उनका समुचित उपचार निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसलिए इस दिशा में कर्मियों की किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों के प्राइवेट नोटिफिकेशन की प्रक्रिया में तेजी लाना बहुत जरूरी है। निक्षय मित्र योजना के लाभ के लिए मरीजों की पेडिंग कंसेन्ट का निपटारा, विभागीय पोर्टल पर मरीजों की इंट्री व उन्हें निक्षय पोषण योजना का लाभ उपलब्ध कराने संबंधी कार्य में तेजी लाने का निर्देश उन्होंने दिया। सिविल सर्जन ने निर्धारित कार्यों के निष्पादन में उदासीन रवैया के लिए संबंधित कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी।
टीबी मुक्त पंचायत निर्माण को लेकर करें जरूरी पहल
डब्ल्यूएचओ के कंस्लटेंट मेजर अवकाश सिन्हा ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के विभिन्न पहलूओं से कर्मियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान को गंभीरता से लेने की जरूरत है। जिला स्तर पर इसे लेकर सभी कवायद पूरी हो चुकी है। प्रखंड स्तर पर संबंधित अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाते हुए इस दिशा में सार्थक पहल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निक्षय पोर्टल पर सभी हेल्थ वेलनेस सेंटर की मैपिंग का कार्य जल्द सुनिश्चित कराना अनिवार्य है।
सक्षम लोगों को निक्षय बनने के लिए करें प्रेरित
डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में हर दिन ओपीडी में आने वाले कम से कम दस फीसदी मरीजों की टीबी जांच सुनिश्चित कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर भी योग्य व सक्षम लोगों को चिह्नित कर निक्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करने की जरूरत है। ताकि अधिक से अधिक मरीजों तक जरूरी सहायता उपलब्ध कराई जा सके। जिला टीबी समन्वयक सह निक्षय मित्र के नोडल अधिकारी दामोदर शर्मा ने कहा कि जिले में फिलहाल 2272 टीबी मरीज हैं। जिन्हें विभाग द्वारा जरूरी दवा सहित अन्य सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। समय पर जरूरी दवा सहित अन्य सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में कुल 78 निक्षय मित्रों के द्वारा गोद लिए गये 138 मरीजों को जरूरी सहायता उपलब्ध कराए जाने की जानकारी उन्होंने दी।
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