सिंहेश्वर, मधेपुरा
रविवार की रात्री सिंहेश्वर पुलिस प्रशासन ने त्रिशूल चौक के पास स्थित बजरंग बली मंदिर को वहा से हटाने के बाद लोग आक्रोशित हो गया। और आक्रोशित लोगो ने जमकर बवाल काटा। वहा से मन नही भरा तो आक्रोशित भीड़ ने एनएच 106 शर्मा चौक पर पहुंच कर जाम कर दिया। और पुनः मंदिर बनवाने की मांग पर अड़े रहे। सिंहेश्वर भी पुलिस बल से छावनी की तरह नजर आ रही थी। सुबह 7 बजे से साढ़े 11 बजे तक जाम रहने के बाद किसी तरह 4 प्रखंड की पुलिस थानाध्यक्ष मधेपुरा अखिलेश कुमार, सिंहेश्वर अरूण कुमार, रामेश्वर साफी, शंकरपुर सियावर मंडल, गमहरिया त्रिलोकी नाथ शर्मा, भर्राही थानाध्यक्ष, इं. सुरेंद्र कुमार, सीओ आदर्श गौतम, बीडीओ आशुतोष कुमार और मधेपुरा सिंहेश्वर की कमांडो की टीम के समझाने पर शर्मा चौक से मंदिर स्थापित करने के आश्वासन के बाद जाम हटाया। और जब मंदिर के पास का जाम हटाने टीम पहुंची। लेकिन वहा फिर मामला फंस गया और बजरंगबली की प्रतिमा देने की नाम पर फिर मामला अटक गया। और प्रशासन को वहा से जाम हटाने में सफलता नही मिली। और आक्रोशित लोगों ने फिर से शर्मा चौक जाम कर दिया।
कुछ देर बाद अतिरिक्त पुलिस बल के आने के बाद जब पुलिस अपने हावभाव दिखाई तो जाम स्वत: हटने लगा। मंदिर के पास जाम हटाने के बाद फोर्स शर्मा चौक पहुंच कर जाम हटाया। आधा घंटा में 7 घंटे से अस्त व्यस्त आवागमन को आधा घंटा में व्यवस्थित करवाया। और फिर एक अनहोनी से डर रहे सिंहेश्वर वासी ने राहत की सांस ली। मालूम हो की सोमवार को लगभग 7 घंटे तक आवागमन अवरूद्ध रहने से सिंहेश्वर मंदिर में पुजा करने वाले श्रद्धालुओं और पार्ट वन की परीक्षा देने वाले छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
रविवार को ही मंदिर हटाने पहुची थी प्रशासन की टीम।
रविवार को मंदिर हटाने के लिए सीओ और पुलिस प्रशासन की टीम आई थी। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण मंदिर हटाने में नाकाम रही। हालांकि मंदिर के आस पास के लोगों का मंदिर हटाने या ना हटाने को लेकर कोई विरोध नहीं था। मंदिर हटाने को लेकर कोई ग्रामीण आगे नही आया। मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कहा कि जब से इस मंदिर को स्थापित किया गया है। तब से यहा होने वाली अनहोनी घटना रूक गई है। इसलिए इस मंदिर पर लोगों की पूरी आस्था है। साथ ही ये मंदिर किसी निजी जमीन पर नहीं सरकारी जमीन पर है। मंदिर हटाने को लेकर मंदिर के पीछे बने मकान मालिक ने एसपी को दूरभाष पर मामले की जानकारी देकर मंदिर हटाने का अनुरोध किया था। जिसके बाद पुलिस मंदिर हटाने पहुची थी। लेकिन हटा नही पाई। उसके बाद रात साढ़े 11 बजे मंदिर हटाने की कारवाई हुई।