कोशी तक / पटना:- पटना के बापु सभागार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की अपनी विशिष्ट मांग और उसमें सुधार को लेकर बैठक की। जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा पंचायती राज एवं ग्राम शहरी की व्यवस्था को लगातार ध्वस्त करने की दिशा में राज्य व केन्द्र सरकार शासन प्रशासन कार्य कर रही है। दुर्भाग्य का विषय है। कि भारतीय संविधान 73 वें संशोधन से पंचायती राज व्यवस्था शक्ति में आई तथा विहार एक अनोखा राज्य जहा त्रिस्तरीय के साथ ग्राम कचहरी नामक संस्था निरंतर उत्कृष्ट कार्य कर रही है। पर विडम्बना है, कि हमारे अधिकारों का हनन नित्य हो रहा है। आप सभी की एकता और सहयोग से संघ-संगठनों द्वारा निरंतर किये गये प्रयास एवं लोकतांत्रिक पद्धति से किये गये आन्दोलनों को देखते हुए बिहार सरकार द्वारा कुछ सकारात्मक फैसले लिये गये जो
1. पंचायती राज संस्थाओं में टेंडर से कार्य करने का फैसला सरकार ने वापस लिया।
2. छठा वित्त की राशि से मजदूरों का भुगतान लेबर मेट पंचायत सचिव के खाते से करने का निर्णय लिया गया।
3. त्रिस्तरीय एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों के मासिक नियत एवं विशेष महत्व में बढ़ोत्तरी की गई।
4. मनरेगा प्रशासनिक स्वीकृति का वायरा बढ़ाया गया।
5. पंचायत सरकार भवन के शेष बचे निर्माण मुखिया को सीधा गया।
6. पंचायतों को विवाह भवन बनाने का जिम्मा दिया गया।
7. पंचायत प्रतिनिधियों को अब सामान्य मृत्यु पर भी 5 लाख अनुग्रह अनुदान देने का निर्णय हुआ।
8. त्रिस्तरीय पाम कचहरी प्रतिनिधियों को उनकी मांगों पर आर्म्स लाइसेंस देने का निर्णय हुआ।
9. ग्राम कचहरियों में प्रहरी सह सफाई कर्मी कम्प्यूटर ऑपरेटर, भू-मापक अमीन, आदेशपाल आदि की नियुक्ति करें। सरकार तथा वित्त आयोग की राशि प्रतिवर्ष ग्राम कचहरी के संचालन के लिए आवंटित किया जाय।
10. जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र सुन्न निर्मित करने का अधिकार पंचायत सचिव को दिया गया।
11. पंच सरपंच को स्थानीय निकाय कोटे से एमएलसी चुनाव में वोटर बनाने का अनुशंसा भारत सरकार को किया गया।
12. ग्राम कचहरी में प्रहरी सह सफाई कर्मी रखने का निर्णय लिया गया।
13. पंचायत स्तर पर राजस्व क्लर्क एवं पंचायत क्लर्क का पद स्वीकृत किया गया।
14. ग्राम कचहरी को कन्टीजेन्सी मद की राशि 4000 से बढ़ाकर 12000 किया गया। कचहरी कर्मियों के मानदेय बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो।
15. पंचायत अंतर्गत कर्मियों के मानदेय स्थानान्तरण आदि मांगों का रास्ता साफा हुआ।
इस मांगों के आलोक में सरकार का निर्णय लेकिन अधिकारियों द्वारा किये गये उलझन के संबंध में निम्न समस्याओं पर प्रस्ताव पारित करने का भी अनुरोध किया गया।
१. जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को और आसान बनाते हुए जिला लोगिन को हटाते हुए प्रखंड/पंचायत स्तर पर किया जाय।
2. त्रिस्तरीय, ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों के नियत भत्ता प्रक्रिया को आसान कर प्रतिमाह संबंधित प्रतिनिधियों के खाते में हस्तांतरित करना सुनिश्चित कराना।
3. सभी स्तरों के प्रतिनिधियों से संबंधित समस्याओं पत्राचार उपयोगिता प्रमाण पत्र आदि हेतु प्रखंड स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करे।
4. पंचायत, ग्राम कचहरी संविदा कर्मियों की लंबित मांगों पर विचार करने के साथ ही पंचायत सचिव राजस्व कर्मचारी की मांगों को पुरा किया जाय।
5. मनरेगा में तकनीकी स्वीकृति का दायरा बढ़ाया जाय।
6. मनरेगा से मजदूरों का रोजगार ग्रामीण विकास विभाग के पत्र के आर में बन्द करा दिया गया है। मजदूरोंके हित में निर्णय लिया जाए। मजदूरी से उनके समयानुसार कार्य करने की छूट देने यो साथ ही एक जॉब कार्ड पर परिवार के सदस्यों के उपस्थितिनुसार कार्य करने की अनुमति दी जाय।
7. बीसीडी, एलईओ जो पंचायत सरकार भवन नहीं बना रहा है उसे वापस ग्राम पंचायत को दिया जाय।
8. मुखिया द्वारा बनायें जाने वाले पंचायत सरकार भवन हेतु अविलम्ब राशि जारी किया
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