कब तक सिंहेश्वर वासी पीएगा पीएचईडी का दुर्गंधयुक्त गंदा पानी।

पानी को देख कर आती है मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जल नल योजना की याद 


कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल का जल योजना जब से आई है सिंहेश्वर वासियों का शुद्ध जल मिलने पर से विश्वास ही उठ गया है। पिछले 3 से 4 साल से हर घर नल का जल योजना का मधुर पानी पिलाने के नाम पर सिंहेश्वर वासियों को गंदा पानी पिलाया जा रहा है। 

पीएचइडी के जल मीनार से आता था शुद्ध जल।

सिंहेश्वर वासी कई दशको से सिंहेश्वर में स्थित जल मीनार का पानी पीते थे। यह सबसे पुराना जल मीनार है। कहा जाता है इस जल मीनार को अंग्रेजों ने बनवाया था। उसका एकमात्र कारण था कि यहां के पानी में आयरन की मात्रा अधिक थी। यहां के चापानल के पानी से कपडा भी पीला हो जाता था। 

सिंहेश्वर के चारों तरफ बिछी थी जल मीनार का पाइप लाइन।

सिंहेश्वर स्थित जल मीनार से मल्लिक टोला से नारियल विकास बोर्ड तक, गौरीपुर, लालपुर सरोपटी के लक्षमिनिया टोला तक जल मीनार से पानी जाता था। लेकिन जब से हर घर जल का नल योजना शुरू हुआ। जल मीनार के पानी और पाईप लाईन की देखरेख करने वाला कोई नहीं रहा। 

आईएलएफएस का रोड समतलीकरण, और पाईप का टुटना 
सुबह पानी चालू होने के बाद सड़क का हाल बेहाल 

एनएच निर्माण से भी बाधित हुआ जल।

एनएच 106 के निर्माण शुरू होने से भी एनएच के द्वारा रोज रोज पीएचईडी का पाइप कनेक्सन को जो तोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ वह आज तक थमने का नाम नही ले रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण सिंहेश्वर मेन रोड में सड़क पर जल जमाव है। जिसके कारण आईएलएफएस कंपनी के द्वारा पहले तो पाइप तोड़ा जाता है। फिर सड़क मोटरेबल करने का रात में कथित प्रयास किया जाता है। लेकिन सुबह उनके द्वारा तोड़ा गया पाइप ही सड़क में अपनी छाप छोड़ जाता है। 

पीएचईडी नही करता है समाधान 

पाइप को ठीक करने का पीएचडी भरोसा तो दिलाती है। लेकिन ठीक नही करती है। इसका ताजा उदाहरण सिंहेश्वर के श्रावणी मेला में देखने को मिला जब जिला के आला अधिकारियों ने सिंहेश्वर मेन रोड में हाथी गेट के पास, पंकज मेडिकल के आगे और होटल कामख्या के आगे पाइप लाइन को सख्त निर्देश देकर ठीक करने को कहा जिसकी मोनेट रिंग लगातार बीडीओ और सीओ भी करते रहे। लेकिन दिखावे के रूप में आया और पंकज मेडिकल के आगे नाला निर्माण के दौरान ठीक किए सभी घरेलू पाइप को तोड़ कर चलता बना। हालांकि रात पंकज मेडिकल के मालिक ने राशि खर्च कर अपना पाइप तो जोड़वा लिया। जिसे फिर सड़क निर्माण कंपनी ने तोड़ दिया। 

बदबु और गंदा पानी से स्वास्थ्य पर पड़ता असर।

कामाख्या होटल के पास और कई जगह पाइप टुटने से नाला गंदा और बदबुदार पानी पाइप लाइन के जरिए घर घर पहुंचता है। पुरे घंटे तक पानी साफ होने का इंतजार के बाद उस पानी का उपयोग कपड़ा खिंचने और शौचालय के लिए इस्तेमाल में उपयोग करते हैं। जो लोग पानी नही खरीद सकते वही पानी बंद होने से तक इंतजार करते हैं। लगता है जब बंद होने के करीब है। तब पीने के लिए पानी भरते है। इस पानी से स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है। इस बाबत आईएलएफएस के अधिकारी धर्मेंद्र अग्निहोत्री ने बताया पीएचईडी के पाइप टूटे रहने के वजह से बार-बार सड़क ठीक करने के बाद भी सड़क टूट जाता है। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता कुमार अभय ने बताया कि श्रावणी मेला में भी ठीक किया गया था। उसको जल्द ही ठीक करवा दिया जाएगा।

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