कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा:- बिहार में पुल पुलिया गिरने का सिलसिला चल ही रहा है। लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर इसका कोई असर फिलहाल पड़ता नही दिख रहा है। मामला सिंहेश्वर प्रखंड के पटोरी पंचायत के खसिया टोला भीत्ता वार्ड नंबर 12 में सिंहेश्वर को पुर्व मुखिया पोलाय खातुन के घर से पश्चिम सिंहेश्वर से गौरीपुर होते हुए मुरलीगंज सड़क में चांदनी चौक के पास जोड़ने वाली सड़क में पुला का निर्माण हो रहा था। जिसमें ठिकेदार द्वारा अजब की कारीगरी की गई है। और सड़क से 2 फीट नीचे पुला बनाया जा रहा है। उससे भी आश्चर्यजनक बात पुल में सरिया 10 से 12 एमएम का लगा बताया जा रहा है। वही ग्रामीणों ने कहा सिमेंट भी मानक के अनुरूप नही है। एक बरसात में पुला बह जाएगा। डीएम से लिखित शिकायत करेंगे।ग्रामीण मनोहर मंडल
ग्रामीणों ने क्या कहा।
ग्रामीण मनोहर मंडल ने का कहा कि जहां पुल में 24 एमएम का छड़ लगना चाहिए वही 10 से 12 एमएम का छड़ लग रहा है। यह पुल थोड़े बन रहा है। यह तो पुलिया बन रहा है। इस पुला बनाने मे ठेकेदार और सरकार को कोई कुछ करने वाला नहीं है।पुला में सीमेंट भी डुप्लीकेट दिया जा रहा है। आजकल ठेकेदार इतना पावरफुल है की विरोध करने वाले को गोली मार देगा। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित साह को लपेटते हुए उन्होंने कहा कि सब बरसाती मेंढक है चुनाव आया है। तो टर टर करेंगे। चुनाव जीतने के बाद जब जनता खोजेगा तो कोई नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा यह पुल हम लोगों को नहीं चाहिए। हम लोग यह फूल नहीं बनने देंगे और पुल का पेट भी बहुत छोटा कर दिया गया। पुर्व उप मुखिया टोलियां खातुन
पुर्व उप मुखिया पोलिया खातुन ने कहा पुल में लगा सरिया मानक के अनुरूप नही है। अगर बाढ़ आया तो पुला को लेकर बह जाएगा। मुंशी को इस बारे बोले तो कहा बहुत अच्छा पुला बन रहा है। ग्रामीण मो. अताबुल
मो. अताबुल ने बताया यह पुला सड़क से नीचे बन रहा है। सिमेंट, गिट्टी और बालु भी घटिया किस्म का है। पुला में पंखी भी नही दिया गया है। जिससे पानी आने पर पुला ध्वस्त हो जाएगा।ग्रामीण मो. बसीर
मो. बसीर ने सवालिया लहजे में कहा कौन जगह पुला में 10 - 12 एमएम का छड़ लगता है। पुला का जमीन भी नही बनाया। ढाल दिया। गढ्ढे किए बीना ढाल दिया। ग्रामीण मो. हजरत
मो. हजरत ने भी सवालिया लहजे में कहा कहा क्या पुला सड़क से 2 फीट नीचे बनता है। पुला तो सड़क से 2 फीट उंचा बनना चाहिए। वही पुला पहले जो पेट था उसे भी छोटा कर दिया गया है। जो पहली ही बारिश में पानी का दबाव पुला को बहा ले जाएगा।
वही ग्रामीणों के विरोध को लेकर स्थल पर पहुंचे एसडीओ और जेई ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। और किस विभाग से पुल निर्माण हो रहा है। कितने का स्टीमेट है। वह भी नही बताया।
सबसे पहले तो योजना स्थल पर योजना का कोई बोर्ड नही है।
आश्चर्यजनक बात यह है कि इस योजना की जानकारी सिंहेश्वर बीडीओ को भी नही है। वही इस बाबत मुखिया जय कृष्ण रजक और पंचायत सचिव दयानंद पासवान से पुछा गया तो उन्होंने भी अनभिज्ञता जाहिर की। साथ ही बताया हमलोग से योजना का एनओसी भी नही लिया है। बीडीओ ने मामले की जांच के लिए बीपीआरओ को स्थल पर भेजा।
إرسال تعليق