अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ध्वज के नीचे योग करते आरएसएस के स्वंय सेवक
कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा :- शनिवार को राम जानकी ठाकुरबाड़ी सिंहेश्वर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा शाखा लगाकर योग करवाया गया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के कार्यकताओं ने भाग लिया। मालूम हो कि इस वर्ष योग दिवस की थीम योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ रखा गया है। आज शनिवार को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' की थीम पर मनाया गया। जिसमें भगवा ध्वज के आगे लोगों ने योग किया। इस अवसर पर व्यापार संघ के अध्यक्ष विजय टेकरीवाल ने कहा यह एक ऐसी विद्या है जो तन, मन और आत्मा को संतुलन में रखती है। योग केवल आसनों का अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है, जो अनुशासन, एकाग्रता और आत्मचिंतन सिखाती है। योग आपके तन को ही नहीं, बल्कि आपके स्वस्थ दिमाग और शांत मन को भी दिशा देता है। यह अंदरूनी ऊर्जा को जाग्रत करता है और आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने कहा आज की पीढ़ी के लिए योग न केवल एक अभ्यास है, बल्कि एक आवश्यक जीवन कौशल है। यह हमें नकारात्मक सोच से दूर रखता है। और आत्म-विश्वास बढ़ाता है। यदि हम रोज़ाना योग करें, तो हमारा मन शांत रहता है और निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग कराते योग शिक्षक
पुर्व विभाग संपर्क प्रमुख मनोज भगत ने कहा योग भारत की एक प्राचीन विद्या है, जिसकी उत्पत्ति हमारे महान ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व की थी। योग शब्द संस्कृत की "युज" धातु से बना है, जिसका अर्थ होता है – जुड़ना। यह जुड़ाव केवल शरीर और मन का नहीं, बल्कि आत्मा का परमात्मा से मिलन है। योग जीवन को संतुलित, अनुशासित और शांतिपूर्ण बनाने का माध्यम है। यह न केवल एक व्यायाम पद्धति है, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास को साधती है
जिला मुख्य मार्ग प्रमुख संजीव भगत ने कहा आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां तनाव, चिंता और अवसाद तेजी से बढ़ रहे हैं। वहां योग हमें भीतर से मजबूत बनाता है। योग से न केवल शरीर लचीला होता है। बल्कि मन को भी शांति मिलती है। यह ध्यान, प्राणायाम और आसनों के माध्यम से हमें वर्तमान में जीना सिखाता है। विशेषकर छात्रों के लिए योग एक ऐसा साधन है जो उन्हें पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने और आत्म-नियंत्रण विकसित करने में मदद करता है।
मुख्य शिक्षक विनोद दास ने कहा योग, एक परिवर्तनकारी अभ्यास है, जो मन और शरीर के सामंजस्य, विचार और क्रिया के बीच संतुलन और संयम और पूर्ति की एकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह शरीर, मन, आत्मा और आत्मा को एकीकृत करता है, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है जो हमारे व्यस्त जीवन में शांति लाता है।
योग शिक्षक शंभू भगत ने कहा आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां तनाव, चिंता और अवसाद तेजी से बढ़ रहे हैं। वहां योग हमें भीतर से मजबूत बनाता है। योग से न केवल शरीर लचीला होता है। बल्कि मन को भी शांति मिलती है। यह ध्यान, प्राणायाम और आसनों के माध्यम से हमें वर्तमान में जीना सिखाता है। विशेषकर छात्रों के लिए योग एक ऐसा साधन है जो उन्हें पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने और आत्म-नियंत्रण विकसित करने में मदद करता है। मौके पर निपुण टेकरीवाल, जय नारायण साह, अनिल भगत, अरूण प्राणसुखका, घनश्याम शर्मा, बिहारी गुप्ता, रमेश गुप्ता, मनोज गुप्ता, राजा गुप्ता, मुख्य शिक्षक दीपांकर कुमार, अदित्य कुमार, उदय कुमार, वेदासु कुमार मौजूद थे।
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