अथिति शिक्षकों की सेवा स्थाई करने की अनुशंसा।

 बिहार विधान परिषद शिक्षा समिति 


कोशी तक/ पटना:- बिहार विधान परिषद की शिक्षा समिति ने विभिन्न कोटि के शिक्षकों के संबंध में कई अनुशंसाएं की हैं। इन अनुशंसाओं में अतिथि शिक्षकों की सेवा शर्तों में सुधार, अनुदान की राशि की अधि सीमा शिथिल करने और स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षकों के लिए सेवा-निरंतरता का लाभ शामिल है।

मुख्य अनुशंसाएं:

- अतिथि शिक्षकों की सेवा: समिति ने अनुशंसा की है कि वैसे अतिथि शिक्षक, जिनकी अर्हता/पात्रता/योग्यता स्थायी शिक्षक के समतुल्य है और जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार के आरक्षण नियम के अनुसार है, उन्हें सेवा में पुनः लेते हुए उनकी उम्र सीमा भी स्थायी शिक्षकों की भांति 65 वर्ष करने हेतु विचार किया जाए।

- उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की सेवा: समिति ने अनुशंसा की है कि वैसे अतिथि शिक्षक, जो उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पूर्व से कार्यरत हैं और जिनकी अर्हता/पात्रता/योग्यता स्थायी शिक्षक के समतुल्य है, उन्हें सेवा में पुनः लेते हुए उनकी उम्र सीमा भी स्थायी शिक्षकों की भांति 60 वर्ष करने हेतु विचार किया जाए।

- अनुदान की राशि: समिति ने अनुशंसा की है कि राज्य के सम्बद्ध डिग्री महाविद्यालयों तथा मान्यता प्राप्त इंटर एवं माध्यमिक विद्यालयों के परीक्षाफल आधारित वास्तविक अनुदान की राशि की अधिसीमा शिथिल कर एक मुश्त भुगतान के लिए विभाग के द्वारा कार्रवाई की जाए।

- स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षकों के लिए सेवा-निरंतरता का लाभ: समिति ने अनुशंसा की है कि स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षक/पुस्तकालयाध्यक्ष, विशिष्ट शिक्षक एवं स्थानीय निकाय से आए विद्यालय अध्यापक को उनकी पूर्व की सेवा के आलोक में सेवा-निरंतरता का लाभ, संवर्ग परिवर्तन के पश्चात उनके वेतन निर्धारण, वेतन विसंगति दूर करने के साथ-साथ बिहार शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली के तहत देय प्रोन्नति एवं अन्य देय सुविधा प्रदान की जाए।

आगे की कार्रवाई:

- विभाग द्वारा कार्रवाई: विभाग द्वारा इन अनुशंसाओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी

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