नशा मुक्त बिहार का आहवान करने वाले सतं गंगा दास के 78 वें जन्मदिन पर लोगों ने किया सम्मानित।

 विश्व नशा उन्मूलन के संस्थापक के सम्मान में आयोजित समारोह 



कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा :- बिहार को शराब मुक्त राज्य घोषित कराने में सहयोग देने वाले विश्व नशा उन्मूलन व कल्याण मिशन के संस्थापक संत गंगा दास तांती का 78 वां जन्मदिन अशोक वाटिका सिंहेश्वर में मनाया गया। इस अवसर पर उनका नागरिक अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन बीएनएमयू के पुर्व पीजी हेड राम चंद्र मंडल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने संत गंगा दास के संघर्ष की कहानी सुनाई उन्होंने कहा जब ये नशा नही करने के लोगों को प्रेरित करने निकलते थे तो लोगों इनका मजाक उड़ाया करते थे। लेकिन इनके इन्होंने कभी उस उपहास को दिल पर नही लिया और समाज की इस कुरीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहे। आज देश विदेश में इनके संघर्ष की गाथा कही जाती है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री ने इन्हें सम्मानित किया। 78 वर्ष की उम्र में लोग बिछावन पकड़ लेते हैं। वही ये अपने हर जन्मदिन पर झुग्गी झोपड़ी में जाकर दुध का वितरण करते हैं। और नशा नही करने का संदेश देते हैं। बीएनएमयू के पुर्व रजिस्टार सचिंद्र महतो ने कहा संत गंगा दास संघर्ष की मिशाल है। 78 वर्ष की आयु में भी नशा नही करने का अलख जगा रहे हैं। 

वही कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ललित धर्मशाला के सचिव अशोक भगत ने कहा इनकी ख्याति और सादगी देखते ही बनती है। यह कोशी के गांधी के रूप में प्रचलित है। हर छोटे बड़े मंच पर नशा नही करने का संदेश देने पहुच जाते हैं। इनकी सादगी को देखते हुए ललित धर्मशाला के कमिटी में इनका नाम शामिल किया गया। उन्होंने वरिष्ठ नागरिक सेवा संगठन के अध्यक्ष दुर्गानंद विश्वास के असामायिक निघन पर शोक व्यक्त किया।संत गंगादास को अंग वस्त्र से सम्मानित करती कोमल कुमारी 

इस अवसर पर नया सवेरा फाउंडेशन के डायरेक्टर कोमल कुमारी ने कहा संत गंगा गंगा दास ने जिस तरह लोगों को नशा से बचाने में अपना जीवन होम कर दिया। वह अकल्पनीय है। उन्होंने कहा पहचान से मिला काम थोड़े समय के लिए रहता है। लेकिन काम से मिला पहचान उम्र भर रहता है। इसलिए में इनके कार्यों को दिल से सम्मान करती हुं। और इनको जन्मदिन की बधाई देती हुं। और उन्हें अंग वस्त्र से सम्मानित करते  हुए कहा मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। 

इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक सेवा संगठन के सचिव भरत चंद्र भगत ने सभी उपस्थित गणमान्य का धन्यवाद करते हुए कहा -

चमक सूरज की नहीं, उनके किरदार की है,

खबर ये आसमां के अखबार की है।

मैं चलु तो मेरे संग संग कारवां चले, 

बात गुरुर की नही, बात ऐतबार की है।

इन्होंने जिस तरह समाज के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। घर घर जाकर नशा नही करने का संदेश देना और लोगों से घुड़की खाना सहज नही है। उन्होंने जन्मोत्सव और जयंती के बारे में भी बताया। साथ ही मिडिया द्वारा बुजुर्गों की खबरों को नजर अंदाज करने का आरोप लगाया।

कार्यक्रम का मंच संचालन शिक्षक समाजसेवी और संयोजक विश्व नशा उन्मूलन जय नारायण पंडित ने किया। मंच पर विश्व नशा उन्मूलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत सुखदेव दास, जीप उपाध्यक्ष रघुनंदन दास, वरिष्ठ नागरिक सेवा संगठन के अध्यक्ष ललितेश्वर भगत, रामचंद्र प्रसाद ने भी अपनी अपनी बात रखी।

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