आंगनबाड़ी सेविकाओं के 3 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में अनियमितता पर प्रमुख ने सीडीपीओ से पुछा स्पष्टीकरण।

Dr.I C Bhagat
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पैकट बंद डिब्बा का खाना खाते आंगनबाड़ी सेविका 
प्रशिक्षण हॉल में बेतरतीब तरीके से बैठी आंगनबाड़ी सेविका 


कोशी तक/शंकरपुर मधेपुरा :- प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभा भवन में बाल विकास परियोजना के आंगनबाड़ी सेविकाओं का तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन बाल विकास परियोजना के द्वारा विभागीय निर्देश पर किया जा रहा है। जिसमें प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्रशिक्षण ले रहे सेविकाओं के द्वारा हो हंगामा कर प्रशिक्षण कार्य में विभागीय निर्देश का अनदेखी कर परियोजना के कर्मी के द्वारा अपने मन मुताबिक प्रशिक्षण करवाने का आरोप लगाते हुए प्रखंड प्रमुख को मामले से अवगत कराया। प्रखंड प्रमुख ने प्रशिक्षण कार्य का जायजा लिया इस दौरान देखा गया कि सभा भवन में क्षमता से अधिक सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे प्रशिक्षण केंद्र पर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। इस दौरान सेविकाओं ने प्रमुख को बताया कि शुक्रवार को निम्न स्तर का  नाश्ता चाय और खाना भी दिया गया था। लेकिन शनिवार को सिर्फ चाय और खाना पैकेट में  दिया गया है। खाना बिल्कुल ही निम्न स्तर का था जबकि प्रत्येक सेविका पर खाना, चाय, नाश्ता और पानी पर तीन सो रुपया खर्च किया जाना है लेकिन ऐसा नहीं किया गया साथ ही जिस हॉल में 25 लोगो का बैठने का जगह है। वहां पर 100 सेविकाओं का प्रशिक्षण लिया जा रहा है। जबकि विभाग के द्वारा प्रशिक्षण हॉल किया के मद में तीन दिन के लिए 12 हजार चाय नाश्ता पानी और दोपहर के भोजन के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन 3 सो रुपया उपलब्ध करवाया गया है वही प्रतिभागियों के लिए कीट प्रशिक्षण सामग्री, बैग, फोल्डर, पेन और राइटिंग पैड के लिए प्रति प्रतिभागियों के लिए प्रति दिन 3 सो रुपया उपलब्ध करवाया गया है। प्रशिक्षण ले रही सेविकाओं को प्रति दिन 150 रुपया यात्रा भत्ता दिया जाना है बैनर सहित आकस्मिकता के लिए 8 हजार रूपया दिया गया कुल एक सो सेविकाओं के तीन दिन के लिए विभाग से एक लाख 85 हजार रूपया उपलब्ध करवाया गया है। लेकिन बाल विकास परियोजना के कर्मी राजेश कुमार इसका पालन नहीं कर अपने मन मुताबिक प्रशिक्षण कार्य का संचालन कर रहे है। मालूम हो कि सेविकाओं को 'पोषण भी, पढ़ाई भी' विषय पर लाइव टेलीकास्ट के जरिए जानकारी दी। प्रशिक्षण में प्रशिक्षक के द्वारा बताया गया कि बच्चों के संज्ञानात्मक, सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और रचनात्मक विकास के लिए विभिन्न गतिविधियां जरूरी है,शून्य से तीन वर्ष के बच्चों के लिए गृह भ्रमण और तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए केंद्रों में गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी, सेविकाओं को केंद्रों का समय पर संचालन और साफ-सफाई बनाए रखने की हिदायत दी गई, ठंड के मौसम में बच्चों की देखभाल के तकनीकी पहलुओं पर भी जानकारी दी गई,परियोजना के तहत कुल 100 आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 'पोषण भी, पढ़ाई भी' अभियान का उद्देश्य प्रारंभिक बचपन की शिक्षा और पोषण में सुधार करना है। बच्चों के मानसिक विकास के लिए पौष्टिक भोजन की अहमियत भी समझाई गई।

इस बाबत शंकरपुर प्रखंड प्रमुख अस्मिता आनंद ने बताई की बाल विकास परियोजना के द्वारा एक सौ सेविकाओं का करवाए जा रहे तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण कार्य में घोर अनियमितता पाई गई है। जिसको लेकर बाल प्रभारी विकास परियोजना पदाधिकारी चंद्रकला देवी को स्पष्टीकरण पुछा गया हैं।

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