बीएचएस युनिवर्सिटी कुलपति ने कर्पूरी ठाकुर के प्रतिमा पर किया माल्यार्पण।

Dr.I C Bhagat
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कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर सेमिनार का उद्घाटन करते कुलपति 
बुके देकर कुलपति को सम्मानित करते प्राचार्य दिनेश प्रसाद 


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा 


सिंहेश्वर मधेपुरा में जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज में जन नायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेंद्र नाथ सिन्हा ने कर्पूरी ठाकुर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम में एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें कर्पूरी ठाकुर के जीवन चरित्र पर विशेष प्रकाश डाला गया। डा. सुरेंद्र नाथ सिन्हा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपने ज्ञान को बढ़ाने और मेडिकल कॉलेज को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए काम करना चाहिए।

सेमिनार में कुलपति का स्वागत गान से स्वागत करते छात्राएं 
अतिथियों का स्वागत में प्रस्तुती देते कालेज की छात्राएं 

मेडिकल की छात्राओं की प्रशंसा की।

बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डा. सुरेन्द्र नाथ सिन्हा ने कहा युनिवर्सिटी का पहले परीक्षा में  3 छात्राएं पहले, दुसरे और तीसरे स्थान पर ही यही नही छात्राएं 3-3  सब्जेक्ट में भी अव्वल रही है। ये उनकी सीखने की मंशा को दर्शाता है। छात्रों को चेतावनी देते हुए कहा ये  नही चलेगा अब टेलिफोन पर कम पढाई पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।  मेडिकल साइंस के नए प्रयोग में साझिदार बनना होगा। उन्होंने शिक्षकों को भी सिर्फ ड्यूटी नही करने  की नसीहत दी। सिर्फ क्लाश करने की औपचारिक पुरी करने से काम नही चलेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा की मेडिकल कालेज में पास होना बड़ी बात नही है। जरूरत है हर बिमारी का सही इलाज करने की क्षमता सिखना है। उन्होंने कहा सभी मेडिकल कालेज में जा रहा है मुझमें काम करने का जज्बा है। आप लोगों को इसमें साथ देना होगा। चेंजर आप लोग हैं इसको बदलिए और अपनी सार्थकता सिद्ध किजिए। और अपने ज्ञान को बढ़ाइए और जेएनकेटी मेडिकल कालेज को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कालेज में बदलिए।कर्पूरी ठाकुर के बारे में बात करते हुए, डॉ. सिन्हा ने कहा कि वे एक महान नेता थे जिन्होंने अपनी सादगी और त्याग के कारण बिहार के 11वें मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 1974 में जेपी आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

पुर्व प्राचार्य ने मेडिकल कालेज के संघर्ष को याद किया 

इस अवसर पर मेडिकल कालेज के पुर्व प्राचार्य डा. अशोक यादव ने कहा जन नायक कर्पूरी ठाकुर का विचार मेरे कण में व्याप्त है। और उनके विचार पर चलने का प्रयास करता हूं। इस संस्थान का घोषणा के साथ ही मेडिकल कालेज का संचालन शिवनंदन प्रसाद विधालय के  एक कमरे में शुरू किया गया। और मुझे स्थानीय होने के कारण मेडिकल कालेज की जिम्मेदारी दी गई। 2010 में इस संस्थान का जन नायक कर्पूरी ठाकुर नाम दिया गया। जिसे 2015 में फाइनलाइज कर दिया गया। मेडिकल के निर्माण के संघर्ष का वर्णन किया। कुलपति के बारे बताते हुए कहा 1995 से संघर्षरत रहने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य विश्व विद्यालय की मान्यता मिली। ये प्रथम कुलपति बने। वही मेडिकल कालेज के अधीक्षक डा. नगीना चौधरी ने कहा आज हम लोग जननायक के जन्मोत्सव पर उपस्थित हुए हैं। जरूरत है जन नायक के विचार को आत्मसात करे। उपाधिक्षक डा. कृष्णा प्रसाद ने कहा कर्पूरी ठाकुर के बारे में कहना यही काफी है कि वे भारत रत्न थे। उनके विचार आप लोगों के चिंतन के लिए है।  मेडिकल कालेज के पुर्व प्राचार्य डा. भुपेंद्र प्रसाद ने कहा 22 दिसंबर 1977 को बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद गरीबों और पिछड़ों तथा कई समाजिक कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया। मौके पर इस संस्थान के चिकित्सक डा. प्रेम जीत कुमार मधुकर, विभागाध्यक्ष, एनाटॉमी विभाग डा. विरेन्द्र कुमार, डा. बिनोद कुमार, डा. पूनम कुमारी, डा. चंचल, डा. मृत्युंजय कुमार आजाद, डा. गणेश कुमार, डा. प्रदीप कुमार, डा. अंजनी कुमार, डा. शबाना, मणि कान्त आजाद, राजन कुमार, प्रकाश कुमार, आर्यन कुमार, उदय कुमार सिंह, मुकेश कुमार, सुनील कुमार एवं सभी एमबीबीएस के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।

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