डीएम और एसपी ने मत्स्यगंधा मेला का किया उद्घाटन। मेला को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतिक बताया।

मत्स्यगंधा मेला का उद्घाटन करते डीएम वैभव चौधरी 


कोशी तक / सहरसा 


रक्तकाली मत्स्यगंधा 64 योगिनी घाम मेला का शुक्रवार को भव्य उद्घाटन डीएम वैभव चौधरी, एसपी हिमांशु, आपदा सचिव संजीव चौधरी, सदर एसडीओ प्रदीप कुमार झा, डीपीआरओ संजीव कुमार चौधरी, नजारत समाहर्ता सुरभि कुमारी, प्रशिक्षु समाहर्ता धीरज कुमार, मेला संवेदक मो. कमरुल आलम, कुमार अमृतराज मेल व्यवस्थापक हीरा प्रभाकर एवं कोषाध्यक्ष मुक्तेश्वर सिंह मुकेश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर मेला संवेदक मो. कमरूल ने उपस्थित सभी अतिथियों का मिथिला परंपरा अनुसार पाग, चादर एवं बुके देकर सम्मानित किया। मंच संचालन मुक्तेश्वर सिंह मुकेश ने किया।कार्यक्रम को संबोधित करते डीएम वैभव चौधरी 

 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम श्री चौधरी ने कहा कि मत्स्यगंधा मेला सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। इसका उदाहरण एक प्रसिद्ध हिन्दू मेला का संवेदक एक मुस्लिम मो. कमरूल के द्वारा किया जा रहा है। जो आज एक मिसाल है। उन्होंने मेले में बाहर से आए दुकानदार एवं विक्रेताओं का स्वागत करते  हुए कहा की प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक प्रबंध किया गया है। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस को शादी वर्दी में तैनात किया गया है। मेला के चारों ओर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है ताकि असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा सभी लोग मेला में आकर मेले का लुफ्त उठाएं जिले वासियों के लिए दो-दो मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत महा योगिनी मेला के साथ पटेल मैदान में खादी ग्राम उद्योग सह उद्यमी बाजार का भी आयोजन किया गया है। जिसका लाभ भी आम लोगों उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता के हित में सरकार द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है। सदर एसडीओ प्रदीप कुमार झा ने कहा कि महायोगिनी मेला एवं मत्स्यगंधा मंदिर से होने वाले आय से आम लोगों के लिए विकास के कई कार्य किया जा रहे हैं। मत्स्यगंधा मेला का जायजा लेते डीएम  वैभव 

जिसके तहत न्यास के द्वारा शौचालय, तटबंध के भीतर अस्पताल एवं गर्ल्स स्कूल की चारदिवारी का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा इस स्थल को विकास का निर्णय लिया गया है। इस मेले में व्यावसायिक सामग्री खानपान की सामग्री एवं मनोरंजन के लिए आकर्षक झूले की व्यवस्था की गई है। मौके पर हीरा प्रभाकर, संवेदक मो. कमरुल एवं कुमार अमित राज ने बताया किया मेला 2001 से प्रारंभ किया गया है। जो धीरे-धीरे विशाल होता गया है। क्या जो बिहार ही नहीं देश में अपना स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह सिंहेश्वर, सुपौल एवं सोनपुर में मेला निर्धारित समय पर आयोजन किया जाता है। उसी प्रकार मत्स्यगंधा मेला का भी समय निर्धारित हो।

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