मंगलवार की शाम गांदरबल में आतंकी हमला में मारे गए मजदूर का शव गांव पहुंचा।

 

शव के पहुंचने के बाद लोगों की उमड़ी भारी भीड़ 


कोशी तक/ शंकरपुर मधेपुरा 


जम्मू कश्मीर के गांदरबल में आतंकियों के गोलियों के शिकार हुए मधेपुरा के दोनों बेकसूर मजदूरों का शव मंगलवार को शाम लगभग 5 बजे गांव पहुंचा। शव को देखते ही परिजनों के चित्कार से माहौल गमगीन हो गया। रविवार की रात से मधेपुरा सदर प्रखंड के हनुमाननगर चौरा गांव में मो. कलीम और शंकरपुर प्रखंड के रामपुर लाही निवासी मो. हनीफ के घर पर लोगों का आना-जाना लगा है। दोनों मृतक की पत्नी बेसुध पड़ी है। बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। चौरा गांव में मो. कलीम का एक पांच साल का बेटा और एक साल की बेटी है। दोनों बच्चे अपनी मां की गोद में बैठ कर हर आने-जाने वाले लोगों को एकटक निगाहों से देख रहे थे। एक साल के बेटी को यह भी पता नहीं है कि अब उनके सिर से पिता का साया उठ चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर बिहार में बेहतर रोजगार की व्यवस्था होती तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता। लोगों ने कहा कि आतंकवादियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता है। ऐसे लोग मानवता के दुश्मन होते हैं। निहत्थे मजदूर को मारना कायरता का है। इन आतंकियों को जड़ से खत्म करने जरूरत है।

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