कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
आधुनिक दासता के खिलाफ एक वैश्विक कार्यक्रम के तहत मधेपुरा में 450 से अधिक नागरिकों ने भारत भर में 100 से अधिक स्थानों पर 30 हजार से अधिक लोगों के साथ भाग लिया। मानव तस्करी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आज सुबह कॉलेजों, सरकारी एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों के 454 से अधिक नागरिकों ने वैश्विक ‘वॉक फॉर फ्रीडम’ के मधेपुरा संस्करण में भाग लिया।
मुख्य अतिथि प्रो. डॉक्टर कैलाश प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य. ठाकुर प्रसाद कॉलेज, मधेपुरा द्वारा वॉक की शुरुआत की घोषणा की गई। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा की मानव तस्करी समाज के लिए एक अभिशाप है। और हम सब एकजुट होकर ही इसे मिटा सकते है। हमे गर्व है की हम समाज में जागरूकता लाने के लिए वाक फॉर फ्रीडम जैसे कार्यक्रम आयोजन का हिसा है। इसके साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव योगेश मिश्रा एवं मधेपुरा क्रिस्चियन हॉस्पिटल के प्रबंधक निदेशक आशीष अब्राहम, एवं कार्यक्रम प्रबंधक जॉनसन भी इस कार्यक्रम का हिसा बने और समाज से मानव तस्करी जेसे अपराध को मिटा ने के लिए इस मुहिम में अपनी सहयोग दिया।
‘वॉक फॉर फ्रीडम’ मानव तस्करी को समाप्त करने के लिए एक वैश्विक समन्वित प्रयास है। जो दुनिया भर में 50 से अधिक देशों और 500 से अधिक स्थानों पर आयोजित किया जाता है। यह प्रमुख सड़कों से होकर एकल-पंक्ति वॉक है। जिसमें नागरिक मानव तस्करी की वास्तविकता के बारे में तख्तियां लेकर जनता के सामने जाते हैं। यह वॉक मौन है, मानव तस्करी के खामोश पीड़ितों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करता है। वॉक की शुरुआत में प्रतिभागियों को मानव तस्करी के संकेतों और संदिग्ध स्थितियों को देखने पर कॉल करने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबरों के बारे में शिक्षित किया गया। जैसे कि 1098 (संकट में बच्चों के लिए चाइल्डलाइन हेल्पलाइन), 181 (महिलाओं के लिए राष्ट्रीय पुलिस हेल्पलाइन), और 112 (राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया)। प्रतिभागियों ने इन नंबरों को अपने फोन में सहेज लिया, और अपने समुदाय के भीतर मानव तस्करी को समाप्त करने में मदद करने के लिए सक्रिय कार्रवाई करने वाले सतर्क नागरिक बनने की शपथ भी ली। इसके बाद प्रतिभागियों ने मधेपुरा के ठाकुर प्रसाद कॉलेज से शुरू होकर जिला मुख्यालय एवं आसपास के सार्वजनिक मार्गों से वापस पैदल यात्रा की। मधेपुरा में वॉक का नेतृत्व मधेपुरा क्रिस्चियन हॉस्पिटल, जस्टिस जस्टिस वेंचर्स इंडिया एवं न्याय नेटवर्क ने किया। इसमें भाग लेने वाले संस्थानों में जिला विधिक प्राधिकरण, जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास निगम, विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी, जिला ओने स्टॉप सेंटर, एकीकृत बाल विकास सेवाएं, आरआर ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्कूल, किरण पब्लिक स्कूल, डीएन फिजिक्स कोचिंग सेंटर, सामुदायिक संगठन, हॉस्पिटल के डॉक्टर एवं नर्स, समाज सेवी संगठनों शामिल हैं।
वैश्विक स्तर पर, वॉक का आयोजन ए 21 द्वारा किया जाता है, जो आधुनिक समय की गुलामी के खिलाफ लड़ाई में एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है। भारत में वॉक के लिए राष्ट्रीय आयोजक द मूवमेंट इंडिया है। जो मुंबई में स्थित एक सामाजिक-प्रभावी टीम है। जो मानव तस्करी को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक वकालत पर ध्यान केंद्रित करती है। इस वर्ष, वॉक भारत के 14 राज्यों में 100 से अधिक स्थानों पर आयोजित की गई। जिसमें 30 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 49.6 मिलियन लोग आधुनिक समय की गुलामी के विभिन्न रूपों में फंसे हुए हैं। जिसमें सेक्स, श्रम, अंग, बच्चे बेचना, जबरन विवाह और घरेलू दासता के लिए शोषण शामिल है। इसका मतलब है कि दुनिया भर में हर 150 लोगों में से 1 गुलाम है। भारत में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2023 की भारत में अपराध रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में हर दिन 7 बच्चों की तस्करी की गई। 2022 में हर दिन 128 बच्चे लापता हुए और 2022 में दर्ज किए गए मानव तस्करी के लगभग आधे मामलों में बच्चे पीड़ित थे। इंडिया वॉक मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में ‘कोई भी बच्चा पीछे न छूटे’ के वैश्विक और राष्ट्रीय आह्वान के साथ एकजुटता में भी है।
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