मधेपुरा सदर अस्पताल की एक नर्स ने जिले के स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का लगाया आरोप।

 डीपीएम पर सैक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाने वाली नर्स 


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा 


मधेपुरा सदर अस्पताल की एक नर्स ने जिले के डीपीएम पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया है। कोशी तक से बात करते हुए पीड़िता ने बताया डीपीएम पिछले 4 साल से कॉल और मैसेज कर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालता था। मैं उसे इग्नोर कर रही थी। लेकिन प्रबंधक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था।'


पीड़िता ने बताया कि डीपीएम उससे हमेशा कहता था। एक बार मेरी नजर जिस पर पड़ गई वो मुझे चाहिए ही चाहिए। इतना ही नहीं, वो ऑफिस में भी इधर-उधर देखते थे। हालांकि, आरोपी डीपीएम ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार किया है। डीपीएम का कहना है कि उस पर नर्स की ओर से झूठा आरोप लगाया जा रहा है।


पीड़िता ने ये भी बताया, 'स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम मेरे ऑफिस में आकर मुझे परेशान करते थे। और अपने ऑफिस में भी कागजात के नाम पर बुलाते थे। घर जाने के बाद भी जबरदस्ती मैसेज और काल करते रहते थे। उनको पेट में दर्द होता था तो मुझे ही कॉल करते थे। ऑफिस में और भी लोग हैं। लेकिन वो मुझे ही बुलाते थे। इस तरह से लगातार उन पर दबाव बना रहे थे। जब मैंने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने अस्पताल के ही स्टाफ को मेरे खिलाफ भड़का दिए। जीएनएम और एक युवक ने मेरे रूम पर जाकर मेरे साथ गाली-गलौज की। मैंने 4 साल से उनकी इज्जत को बचा कर रखा। क्योंकि वह हमेशा धमकी देते थे कि सस्पेंड कर देंगे।


पीड़िता ने कहा, मैं विधवा हूं और सस्पेंड होने के बाद मेरे बच्चे को कौन देखेगा। इस कारण से मैं डर जाती थी। वह जब बहुत परेशान करने लगे तो मैंने डीएम और सीएस को आवेदन दे दिया। अभी तक मुझे कोई न्याय नहीं मिला है।


दूसरी और डीपीएम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सभी आरोप झूठा और बेबुनियाद है। सीएस मिथलेश ठाकुर 


वहीं मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन डा. मिथिलेश ठाकुर ने रिपोर्ट आने के बाद आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। 15 अक्टूबर को समिति की बैठक में इस मामले की सुनवाई होगी। वहीं सदर अस्पताल में 15 अक्टूबर को आतंरिक समिति की बैठक होगी। इस मामले के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें तीन महिला सदस्य हैं। कमेटी के संयोजक सीएस हैं।


बता दें कि जिला स्वास्थ्य प्रबंधक का काम डीएचएस कार्यालय का प्रबंधन, योजना, निगरानी और मूल्यांकन, इन्वेंटरी प्रबंधन, खरीद आदि है। पूरे जिले में टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं को लागू करवाना और उस पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा आयुष्मान कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी भी डीपीएम के पास होती है।

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