धुमधाम से मना सिंहेश्वर में आरएसएस का शरद पूर्णिमा उत्सव।

 

शरद पूर्णिमा के दिन उत्सव मनाते आरएसएस के स्वयंसेवक


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा 


सिंहेश्वर में आरएसएस के 6 विषेश पर्व में से एक पर्व शरद पुर्णिमा उत्सव धूमधाम से मनाया गया। जिसमें सैकड़ो स्वयं सेवकों ने भाग लिया। इस अवसर पर हरी बल्लभ सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य सत्यनेश्वर जी का ओजस्वी बौध्दिक हुआ। जिसमें उन्होंने कहा शरद पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। और इस दिन चंद्रमा की रोशनी अमृत के समान होती है। शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में खीर रखने की परंपरा है। जिसमें शरद पूर्णिमा, चंद्र देव और भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है। इसमें खीर को चांदनी में रखने जैसे अनुष्ठान शामिल हैं।अमृत वर्षा से ओतप्रोत खीर का रसास्वादन करते स्वयं सेवक 

ताकि इसके उपचारात्मक गुणों को अवशोषित किया जा सके। मौके पर मनोज भगत, संजीव भगत, सोनू आजाद, विनोद दास, अरुण भगत, संजय गुप्ता, संजीव पौदार, दीपांकर झा,  मंडल प्रमुख कुंदन कुमार सिंह मानपुर, कन्हैया  कुमार, शुभांश कुमार, जगदीश मंडल, रमण सिंह, रमेश कुमार, दीपक भगत, प्रमोद अग्रवाल, पुरुषोत्तम अग्रवाल, सत्यनारायण यादव, जयशंकर मिश्रा, हरे राम चौधरी, विष्णु खंडेलवाल, अमीत खेतान, झींकु शर्मा, राजू राजा, ब्रजराज उर्फ गुड्डू, आकाश कुमार, कृष्णा सोनी, अमरनाथ गोस्वामी, मनोज गुप्ता, पंकज गुप्ता, जीत प्रकाश गुप्ता, रूपेश  गुप्ता, बम बम गुप्ता, पप्पू भगत, राजू भगत, राजीव सिंह, सुधीर सिंह, रोशन भगत, प्रभु नारायण भगत, चेतन गुप्ता, अमित प्राण सुखका, गणेश साह,  किशोरी साह, संतोष साह, महेश साह, हिमांशु कुमार, दिव्यांशु कुमार, ज्ञान प्रकाश,रजनीकांत सिंह, राजू साह, सुमित  कुमार, अंजीत कुमार रंजीत कुमार, सहित सैकड़ों स्वयं सेवक मौजूद थे।

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