कोशी तक/ मुरलीगंज मधेपुरा
मुरलीगंज के नवटोल पंचायत में रोज रोज मारपीट और पारिवारिक कलह से तंग आ कर एक महिला ने अपने चार बच्चों के साथ जहर खा ली। सभी को स्थानीय लोगों एवं परिजनों द्वारा उन्हें गंभीर हालत में सोमवार करीब 12:30 बजे सीएचसी मुरलीगंज लाया गया। जहां मौके पर मौजूद चिकित्सक डा. मुकेश पांडे ने गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार कर सदर अस्पताल मधेपुरा रेफर कर दिया। जहा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जेएनकेटी मेडिकल कालेज सिंहेश्वर मधेपुरा रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दो बच्चों की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। जबकि सीमा देवी व अन्य दो बच्चे खतरे से बाहर बताए गए हैं। जानकारी अनुसार नवटोल पंचायत के वार्ड नंबर 4 निवासी शैलेंद्र राम की 30 वर्षिय पत्नी सीमा देवी अपने चार बच्चे प्रियंका कुमारी 7 वर्ष, पल्लवी कुमारी 5 वर्ष, दिव्यांशु 4 वर्ष, अयांश 3 वर्ष के साथ सोमवार के दिन में जहर (कार्बाइन) पिला दिया। देखते ही देखते तीनों की स्थिति गंभीर होने लगी। बच्चों के साथ खाई जहर, मेडिकल कालेज में इलाजरत महिला
परिजन महिला के साथ किया करते थे मारपीट, तंग आ कर उठाया ये कदम
अस्पताल में इलाजरत सीमा देवी ने बताया कि उनके पति शैलेंद्र राम, सास, गोतनी, भैंसुर प्रवेंद्र राम, धर्मेंद्र राम, और पति उनके साथ लाठी से पिछ्ले 5 दिन से मारपीट कर रहे थे। घर से सब मिल के भगाता था। बार बार मर जाने की धमकी देती थी। इन्हीं सब बातों से तंग आ कर उन्होंने जहर खा ली। साथ ही अपने बच्चे को भी जहर खिला दिया। गोतनी समसी देवी जेएनकेटी मेडिकल कालेज में देखभाल करती
वही गोतनी समसी देवी ने बताया कि बार बार लड़ाई झगड़ा करते रहती थी। अगर पति शासन नही करेगा तो कौन करेगा। घर में दोनों पति पत्नी के बीच क्या बात था हमलोग नहीं जानते हैं। लड़ाई झगड़ा देख के हमलोग बोलते थे कि कुछ दिन के लिये नैहरा (मायके) चले जाओ। फिर क्या हुआ नहीं हुआ अचानक ये कदम उठा ली।
इस बाबत मुरलीगंज थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि मुझे इस घटना की बारे में कोई जानकारी नहीं है। आवेदन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
कारवाईन कीटनाशक जहर का किया उपयोग
आवेश में आकर खाया जहर जिसमें क्लोरपाइरीफोस और साइपरमेथ्रिन है। जिसमें क्लोरपाइरीफोस का उपयोग कृषि खाद्य और चारा फसलों, मवेशियों के कान के टैग, गोल्फ कोर्स टर्फ, औद्योगिक संयंत्रों और वाहनों, प्रसंस्कृत लकड़ी के उत्पादों, बाड़ के खंभों और उपयोगिता खंभों सहित गैर-संरचनात्मक लकड़ी उपचारों पर, और मच्छरों और अग्नि चींटियों जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य कीटों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। वही साइपरमेथ्रिन त्वचा के संपर्क या अंतर्ग्रहण के माध्यम से मध्यम रूप से विषाक्त है। यह त्वचा और आंखों में जलन पैदा कर सकता है। त्वचीय संपर्क के लक्षणों में सुन्नता, झुनझुनी, खुजली, जलन, मूत्राशय पर नियंत्रण की कमी, असमन्वय, दौरे और संभावित मृत्यु शामिल हैं।
अंशु भगत की रिपोर्ट।
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