कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में हाल ही में जो प्रशासनिक अव्यवस्था उजागर हुई है। उसने न केवल छात्रों के शैक्षणिक भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगाया है, बल्कि विश्वविद्यालय की साख को भी हिलाकर रख दिया है। इस वर्ष विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कुल 61,376 सीटें निर्धारित की गई थीं। लेकिन केवल 38,449 सीटों पर ही नामांकन हो सका है। 27,848 सीटें अब भी खाली पड़ी हैं। जो विश्वविद्यालय प्रशासन की विफलता को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं। छात्रों का भविष्य इस प्रशासनिक लापरवाही के कारण अनिश्चित हो गया है। और योग्य छात्र शिक्षा के अवसर से वंचित हो रहे हैं। युवा शक्ति छात्र परिषद के छात्र नेता अजीत यादव ने इस गंभीर स्थिति पर कहा कि विश्वविद्यालय की प्रशासनिक अक्षमता ने हजारों छात्रों के भविष्य को अधर में डाल दिया है। उनका मानना है कि यह सिर्फ खाली सीटों का मसला नहीं है, बल्कि यह विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों को समय पर और उचित शिक्षा के अवसर प्रदान करे। छात्रों के साथ इस प्रकार की लापरवाही न केवल उनके करियर को बाधित करती है, बल्कि विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर भी गहरा प्रभाव डालती है। स्पॉट नामांकन के मुद्दे पर बोलते हुए युवा शक्ति छात्र नेता रौशन कुमार बिट्टू ने कहा कि कुलपति महोदय द्वारा स्पॉट नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने के आश्वासन से छात्रों को थोड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर 2024 को संभावित तिथि मौखिक रूप से डीएसडब्ल्यू द्वारा देने कि बात कही गई है। इस तिथि में परिवर्तन भी हो सकता है और छात्रों को उम्मीद है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस तिथि को गंभीरता से लेगा और स्पॉट नामांकन की प्रक्रिया को समय पर पूरा करेगा। उन्होंने धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन का यह कदम छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने में सहायक होगा, लेकिन इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह केवल शब्दों तक सीमित न रहे बल्कि इसे वास्तव में लागू भी किया जाए।
युवा शक्ति छात्र परिषद के छात्र नेता अमन कुमार रितेश ने कहा कि स्पॉट नामांकन का निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन छात्रों की आशंकाओं को दूर करना भी महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय प्रशासन को अब त्वरित और ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि नामांकन प्रक्रिया में और कोई देरी न हो। उन्होंने कहा कि छात्रों का भविष्य केवल आश्वासन पर नहीं, बल्कि ठोस कार्यवाही पर निर्भर करता है, और इसके लिए प्रशासन को ईमानदारी से काम करना होगा। अमन कुमार रितेश ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन का यह निर्णय समय पर लागू होना चाहिए ताकि छात्रों के हितों की सुरक्षा हो सके और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े ।
छात्र नेता सुशील कुमार ने कहा कि स्पॉट नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने का आश्वासन स्वागत योग्य है, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह प्रक्रिया समय पर और सुचारू रूप से पूरी हो। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि छात्रों के साथ अन्याय न किया जाए और उन्हें समय पर उनके शैक्षणिक अधिकार दिए जाएं। सुशील कुमार ने कहा कि यदि इस प्रक्रिया में कोई अनावश्यक देरी होती है या छात्रों के हितों की अनदेखी की जाती है, तो छात्र संगठन इसके खिलाफ आवाज उठाने में पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने प्रशासन को धन्यवाद कहा, लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अजीत यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि स्पॉट नामांकन की प्रक्रिया को समय पर लागू नहीं किया गया, तो छात्र संगठन इसके खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों का भविष्य किसी भी प्रकार की प्रशासनिक विफलता के कारण अधर में नहीं लटकना चाहिए। हम छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें शिक्षा का अधिकार मिले।
रौशन कुमार बिट्टू ने छात्रों के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि छात्रों का भरोसा बनाए रखना विश्वविद्यालय के लिए अनिवार्य है। छात्रों की शैक्षणिक यात्रा में प्रशासनिक बाधाएं नहीं आनी चाहिए। उन्होंने प्रशासन को धन्यवाद दिया, लेकिन साथ ही कहा कि अब असली चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि स्पॉट नामांकन की प्रक्रिया बिना किसी देरी के पूरी हो। यह विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और छात्रों के भविष्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
अमन कुमार रितेश ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि छात्रों की उम्मीदों के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाए। उनका कहना था कि समय पर और प्रभावी निर्णय ही विश्वविद्यालय की साख को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि छात्रों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए जल्द से जल्द स्पॉट नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जाए।
सुशील कुमार ने भी अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि छात्र संगठन विश्वविद्यालय प्रशासन की हर कार्रवाई पर नजर रखे हुए है । उन्होंने कहा कि अगर छात्रों के अधिकारों को नजरअंदाज किया गया, तो इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने अंत में विश्वविद्यालय प्रशासन को धन्यवाद कहा, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों के हितों की सुरक्षा के लिए वह हमेशा तैयार हैं और किसी भी प्रकार की अन्यायपूर्ण कार्रवाई का प्रतिरोध किया जाएगा ।
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