कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
बिहार प्रदेश युवा राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष डाॅ.अभिषेक कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मांग किया है कि जिस प्रकार झारखंड सरकार के द्वारा वित्तरहित शिक्षा नीति को समाप्त कर सभी 525 वित्तरहित कालेजों के 8000 शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारीयों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जा रहा। सभी 525 कालेजों का सरकारीकरण किया जा रहा है। उसी प्रकार बिहार के वित्तरहित कालेजों, स्कूलों का भी सरकारीकरण किया जाये। सभी वित्त रहित कालेजों और स्कूलों के शिक्षको एवं कर्मियों की सेवा सरकारी संवर्ग में शामिल किया जाये। एक निश्चित वेतनमान देने की दिशा में विचार किया जाये। राज्य में वित्त रहित संस्थानों में संबद्ध डिग्री कालेज, इन्टर कालेज, हाई स्कूल, मध्य विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, संस्कृत विद्यालय व मदरसा है। इन सभी का सरकारीकरण किया जाये। जबकि बिहार में वित्तरहित कालेजों की संख्या 227 ही है। 4 दशक से यहां के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी भुखमरी के कगार पे है। इनको अनुदान तक अभी नही मिल पा रहा है। जो कि वर्ष 2017 से बकाया है और 2017 से 2024 तक 8 वर्षो का अनुदान वित्तरहित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारीयों को जल्द से जल्द दिया जाये। वित्तरहित शिक्षा नीति एक अभिशाप है। जिसे खत्म किया जाना चाहिए। बिहार सरकार भी झारखंड सरकार के तर्ज पर वित्तरहित कालेजों के सरकारीकरण करने के दिशा में जल्द कार्य शुरू करे। जिससे सभी वित्तरहित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों का उद्धार हो सके।
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