जेएनकेटी मेडिकल कालेज की व्यवस्था सुधारने हेतु प्राचार्य को मांग सौंपते विनिता भारती
कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
रैफरल अस्पताल बन चुके मधेपुरा जिला में अवस्थित जन नायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल की मुलभुत समस्याओं को लेकर विनिता भारती मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल से मिलकर प्रिंसिपल डा. दिनेश कुमार को एक मांग पत्र सौंपी। जिसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार तथा मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार को भेजते हुए राजद प्रदेश उपाध्यक्ष कुमारी विनीता भारती ने कही जन नायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय महज मरीज को रैफर करते का सेंटर बन गया है।
कुमारी विनीता भारती ने कही जेएनकेटी मेडिकल कालेज का निर्माण 800 करोड़ की राशि से इसलिए करवाया गया था। की कोशी के पिछड़े इलाके व यहा के गरीब तपके के लोगों को वरदान हो सके। जो लोग पटना, दरभंगा नही जा सकते हैं और ना ही महंगे इलाज करवा सकते हैं। उन्हे जेएनकेटी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। मगर यह कई वर्षो बीत जाने के बाबजूद आजतक मेडिकल कालेज यहा से मरीजों को रैफर करने वाला रेफरल अस्पताल बन गया है। चिकित्सको के नीजी किल्नीक चलता रहे इसलिए मेडिकल कालेज का अल्ट्रासाउंड बंद है। एमआरआई की मशीन का सील भी नही खुला है। विभाग में चिकित्सक नही है का रोना रोया जाता है। जबकि वही चिकित्सक अपने नीजी किल्नीक पर सब विभाग देखते है। उन्होंने कहा यहा के स्थानीय जन प्रतिनिधि को आज तक इस अस्पताल की न चिंता रही है न ही किसी भी अस्पताल प्रशासन को। आज प्रिंसिपल महोदय के माध्यम से यह मांग करती हूं की केंद्र की ओर राज्य की सरकार अविलम्ब यहां की व्यवस्था को सुधारें। अन्यथा मधेपुरा वासियों यहा आमरण-अनशन के लिए बाध्य हो जाएगी। उन्होंने कहा यहा की कुछ और मुलभुत समस्या है। वह न्यूरो सर्जन नही है जिसे अविलम्ब वहाल किया जाय। कई वर्षो से अल्ट्रासाउंड बंद है उसे चालू करवाया जाए। तथा जितनी भी जांच सुविधा बंद पड़ी हुई है उसे चालू करवाया जाय। जिस भी विभाग में चिकित्सकों की कमी उसे दूर करवाया जाए। मेडिकल कालेज के चिकित्सकों का आवास मेडिकल कालेज में ही हो जब जरूरत हो उनकी सेवा मरीजों को मिल सके। साथ ही साथ बहुत ही कम समय में करोड़ों का भवन कई जगहों से जर्जर हो गया है। उसे अविलंब दुरुस्त करवाया जाए। ओर मरीजों की स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए साफ- सफाई की समुचित व्यवस्था की जाय।