समारोह में सम्मानित हुए शिव शिष्य


 

सम्मान समारोह में प्रवचन देते शिव शिष्य 


 कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा


ज़िले के प्रोफेसर कालोनी स्थित प्रीति गुरु बहन के आवास पर गुरुवार को शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में मधेपुरा जिला के गुरु भाई एवं बहना को सम्मानित किया गया। जानकारी के अनुसार त्याग राज स्टेडियम नई दिल्ली में पिछले 21 जुलाई को अन्तरराष्ट्रीय शिव शिष्य संगोष्ठी में भाग लेने वाले मधेपुरा जिला के कुल 100 लोगों को शिव शिष्यता प्रमाणित करने के लिए सम्मानित किया गया। जिसमें उपस्थित फाउंडेशन के न्यासी शिव शिष्य भाई परमेश्वर ने कहा कि मधेपुरा के शिव शिष्यों ने संगोष्ठी में भाग लेकर शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द जी एवं दीदी नीलम आनन्द जी के प्रति कृतज्ञता अर्पित किया। उन्होंने कहा कि शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द जी ने सन् 1980 के दशक से ही मधेपुरा की धरती से लोगों को शिव का शिष्य बनने के लिए प्रेरित करने लगे।उन्होंने कहा कि साहब श्री ने शिव का शिष्य होने के लिए तीन सुत्र करने को कहा जिससे व्यक्ति के मन में शिव गुरु के प्रति शिष्य भाव प्रगाढ़ होकर स्वभाव हो जाता है जो सम्मान समारोह में भाग लेकर शिव शिष्यों ने साबित किया।

विदित हो कि शिव का शिष्य होने के लिए किसी भी प्रकार का शर्त, प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सम्पूर्ण मानवीय सृष्टि शिव को अपना शिष्य भाव तीन सुत्र के माध्यम से अर्पित करता है। तो विश्व गुरु शिव को एक एक मानव के अभ्युदय का उत्तरदायित्व लेना ही होगा। उन्होंने कहा कि शिव के गुरु स्वरुप की जन जन में उतरने से विश्व वाटिका में आध्यात्म अवतरित होकर सह्रदयता, समानता, और शांति का सुमन खिला देगा, प्रेम के पराग से सम्पूर्ण मानवता सुगन्धित हो जाएगी। आयोजन समिति के सदस्य राजकुमार जी, राजेश जी, प्रणव जी, बाबुल जी, मिथिलेश जी, पुर्व पार्षद ध्यानी यादव आदि ने गम्हरिया के रामकुमार जी, सिंहेश्वर स्थान के प्रमोद जी, मुरलीगंज के शशी जी, ग्वालपाड़ा के नीरज जी, आलमनगर के सुनील जी, नवीन जी, कुमारखंड के गुडु जी, शंकरपुर के वरुण जी, दिलीप जी, घैलाढ के राजेश जी, अरविंद जी, बिहारीगंज के उपेन्द्र जी, चौसा के जगदीश जी, पुरैनी के अनिल जी, किशनगंज के शंभु जी को पाग और चादर देकर सम्मानित किया। सम्मानित सभी शिष्यों ने कहा कि भगवान शिव मेरे गुरु है। ये आपके भी हो सकते हैं। हमने शिव को गुरु मानकर परीक्षा की है और गुरु शिव सचमुच में परिणामदायी गुरु साबित हुए हैं। जो आपके भी हो सकते हैं। मौके पर उपस्थित सहरसा से जटेश्वर राय, सत्य प्रकाश राय, मधेपुरा से पायल, धुंधरु, रंजना, पुनम, मीरा, विमला, संगीता आदि सेंकड़ों भाई बहन ने संगोष्ठी में भाग लेने वाले शिव शिष्यों को पाग चादर देकर सम्मानित किया।

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