कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
बीपी मंडल अभियंत्रण महाविद्यालय में एंटी-रैगिंग जागरूकता सप्ताह 12 से 18 अगस्त तक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में सुपौल अभियंत्रण महाविद्यालय के असैनिक अभियंत्रण विभाग के सहायक प्रो. सौरव कुमार निराला उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि जागरूकता से कोई नुकसान नहीं है, बल्कि जागरूकता के माध्यम से ही हम आने वाली समस्याओं से बच सकते हैं। और इस कार्यक्रम में सभी को शामिल होकर रैगिंग के घटिया प्रचलन का विरोध करना चाहिए। इस कार्यक्रम में बीपी मंडल इंजीनियरिंग कालेज के प्रिंसिपल प्रो. अरविंद कुमार अमर ने बताया कि ज्यादातर इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन अगस्त के महीने में होता है। इसलिए 12 अगस्त को एंटी-रैगिंग डे मनाने का निर्देश दिया गया है। वहीं नोडल ऑफिसर प्रो. फिरोज़ अख्तर ने बताया कि यह कार्यक्रम केवल जूनियर्स में जागरूकता फैलाने के लिए नहीं है। बल्कि एक संदेश पहुंचाने का भी है कि किस तरह सीनियर्स को अपने जूनियर्स का आदर्श बनना चाहिए। जिससे वे कुछ सीख सकें, न कि उनसे दूर भाग सकें।रैगिंग के प्रति छात्रों को जागरूक करते सिनियर छात्र
12 अगस्त को पोस्टर मेकिंग और एक्टिंग, ड्रामा का आयोजन किया गया था। जिसमें विजेता नैंसी सिंह रही। दूसरी ओर बच्चों द्वारा एक एक्टिंग, ड्रामा का आयोजन भी हुआ। जिसमें दिखाया गया कि किस तरह बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करने और अपने घर से दूर रहकर मां-बाप के सपने पूरे करने के लिए इंजीनियरिंग में एडमिशन लेते हैं। लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें एक अलग ही दृश्य देखने को मिलता है। कुछ सीनियर्स जो सिगरेट के आदी होते हैं। उन्हें भी जबरदस्ती सिगरेट पिलाते हैं, और उनके परिचय के बहाने उनकी बेइज्जती और मनोबल तोड़ने की कोशिश करते हैं। जिससे वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते। दूसरी ओर कुछ सीनियर्स भी होते हैं जो अपने जूनियर्स को सही रास्ते पर चलने की सलाह देते हैं। उन्हें रैगिंग के कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हैं और प्रिंसिपल को शिकायत करने को कहते हैं। पहले बच्चे डरे हुए होते हैं। लेकिन प्रिंसिपल द्वारा रैगिंग के नियम बताने के बाद वे सुरक्षित महसूस करते हैं। और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में सफल होते हैं। जनसंपर्क पदाधिकारी प्रो. निशिकांत कुमार ने बताया कि रैगिंग लेना कानूनी अपराध है। जिससे 2 साल या उससे अधिक की जेल हो सकती है और साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में छात्र समन्वयक ददन कुमार, सर्वोत्तम प्रताप, विशाल कुमार, सैय्यद हामिद, सार्थक, साहिल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
एक टिप्पणी भेजें