कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
बिहार गृह रक्षा वाहिनी स्वयंसेवक संघ के मधेपुरा जिला इकाई ने अपनी मांगों को लेकर सोमवार को कला भवन परिसर में एकदिवसीय धरना दिया। इस दौरान होमगार्ड जवानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संघ के जिलाध्यक्ष सत्तो मंडल ने कहा कि 21 सूत्रीय मांगों को लेकर वे लोग आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनेकों बार संघ के द्वारा राज्य के गृह रक्षकों की समस्याओं के समाधान को लेकर लिखित एवं मौखिक अनुरोध किया गया है। लेकिन सरकार एवं प्रशासन का नजरिया उदासीन रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के सभी विभागों के कार्यालय थाना, यातायात संचालन, मद्य निषेध, बैंक, बिजली विभाग, नगर निगम, पीएचसी, डाकघर, टेलिफोन ऑफिस इत्यादि स्थानों पर गृहरक्षक 24 घंटे अपनी जान की बाजी लगाकर ड्यूटी करते हैं। बदले में मात्र 774 रुपया भत्ते के रूप में प्रतिदिन भुगतान किया जा रहा है, जो बढ़ती हुई महंगाई में बहुत ही कम है।
उन्होंने कहा कि राज्य के गृहरक्षकों के भत्ते में 2017 में बढ़ोतरी हुआ था। उसके बाद इन 8 वर्षों में सरकार के अन्य कर्मचारियों के वेतन इत्यादि सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी किया गया है। लेकिन गृहरक्षकों के लिए कोई सुविधा नहीं बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि देश के अन्य प्रदेशों में होमगार्ड जवानों को अधिक सुविधा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य मांगों में सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय पटना के आदेश के आलोक में राज्य के गृहरक्षकों का कर्तव्य भत्ता, महंगाई भत्ता के साथ ही पुलिस को मिलने वाली अन्य सुविधा दी जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य के होमगार्ड जवानों के वर्षों से कर्तव्य पर लगातार रहने के कारण मानवीय विचार करते हुए माह में 5 दिन मात्र भत्ता सहित छुट्टी प्रदान की जाए। सेवानिवृत्त गृहरक्षकों की सेवानिवृत्ति लाभ डेढ़ लाख रुपये प्रदान करने में 20 वर्ष 10 वर्ष की शर्तों को हटाकर सभी सेवानिवृत्ति गृहरक्षकों को सेवानिवृत्ति के समय ही भुगतान की जाए। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए डेढ़ लाख रुपए मिलने वाली राशि को 5 लाख तक की बढ़ोतरी की जाए। बढ़ती महंगाई को देखते हुए अनुग्रह अनुदान की राशि चार लाख रुपए से बढ़कर काम से कम 10 लाख रुपए किया जाए। कर्तव्य पर प्रतिनियुक्ति के दौरान मृत अथवा पूर्णतः अपाहिज होने पर गृहरक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा का लाभ सभी दिया जाए। गृहरक्षकों को कर्तव्य के दौरान बीमारी या दुर्घटनाग्रस्त होने पर इलाजरत अवधि तक कर्तव्य मानते हुए भत्ते का भुगतान किया जाए। इसके अलावा अन्य कई मांग शामिल हैं। धरना में संघ के सचिव इंद्र नारायण यादव, उपाध्यक्ष रमेश कुमार, कोषाध्यक्ष अनिल कुमार, उपसचिव सदानंद यादव, कार्यालय सचिव हरि बल्लभ पासवान, सुबोध कुमार सतीश कुमार उर्फ संजीव, केशव कुमार, मिथुन कुमार, सुधीर कुमार, निर्मल कुमार, रिंकू कुमारी, रीता कुमारी, डेजी भारती, आभा कुमारी समेत अन्य शामिल थे।
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