जिले के मधेपुरा कालेज मधेपुरा के सभागार में जन सुराज विचार मंच के तहत एक जन जाग्रति बैठक का हुआ आयोजन।


जन सुराज के बारे में अपने विचार व्यक्त करते 

कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा


मधेपुरा जिले के मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा के सभागार में जन सुराज विचार मंच के तहत एक जन जाग्रति बैठक का आयोजन किया। जिसमें जन  सुराज से जुड़ने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी इच्छा जाहिर की। वही बैठक में कई बुद्धिजीवी, गणमान्य लोग शामिल हुआ। जिसमें सभी ने जन सुराज को लेकर अपने अपने साकारात्मक विचार व्यक्त किए। लोगों  ने खासकर बिहार में बढ़ रहे बेरोजगारी और उसके वजह से हो रहे पलायन की रोकथाम कैसे हो, लगातार परीक्षा में कुव्यवस्था और पेपर लिक का मामला कैसे खत्म हो पर अपना विचार रखा। उन्होंने कहा नितिश कुमार के दिन लद गए हैं। जबकि प्रशांत किशोर के पास बिहार के विकास का एक विजन जो युवाओं को स्पष्ट दिखता है। लगातार पेपर लीक के मामले में पक्ष विपक्ष दोनों शामिल हैं। उससे न्याय की उम्मीद ना के बराबर है। बिहार में विकास और छात्रों का भविष्य प्रशांत किशोर के हाथों  में सुरक्षित हो सकता है। उनके विजन से कैसे स्थानीय स्तर से ही युवाओं को रोजगार मिल सकता है। इसी पर वृहत रूप से चर्चा की गई। मौके पर आशुतोष कुमार सिंह ने कहा बिहार में जब सड़के अच्छी है, मजदूरों का भरमार है, बिजली है तो कल कारखाने क्यों नहीं है। यह एक बड़ा सवाल है। बिहार में इतना उर्वरक भूमि है इतने चीजों का बिहार निर्यात करता है। तो फिर उन खाद्यान्न के लिए कोई योजना और उद्योग क्यो नही है। कृषि के क्षेत्र में आधरभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए आज तक सरकार कितने प्रभावी कदम उठाएं है। प्रतिभा पलायन पे सरकार ने आज तक क्या किया, सरकार किसी भी मुद्दे पे ना तो काम की है ना ही करना चाहती हैं। सिर्फ़ और सिर्फ़ चुनाव के समय जनता को बरगला के राजनैतिक स्वार्थ सिद्ध करना चाहती है।जन सुराज के कार्यक्रम में शामिल लोग 

वही घैलाढ के राम पुकार कुमार ने कहा घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत भतरंधा परमानपुर पंचायत के परमानपुर गांव वार्ड नंबर 15 के लोगों को आजादी से अब तक मुख्य सड़क तक आने जाने के लिए पक्की सड़क नसीब नहीं हो पाई है। बरसात के मौसम में तो इस गांव के लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। दूसरी ओर मुरलीगंज के संतोष सौरभ ने कहा नशा मुक्त बिहार ने नशा युक्त बिहार बना दिया। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद शराब चौगुने दाम मे मिलने लगा उसका नतीजा हुआ कि लोग नशा करने के लिए सस्ते नशा का प्रयोग करने लगे हैं। लोग गांजा पीने लगे ताड़ी पीने लगे उसके बाद कोरेक्स, सनफिक्स के नशे का सूई एवं टैबलेट का  प्रचलन बढ़ा ही है। उसके बाद पूरे बिहार में स्मैक आ गया अब स्थिति इतनी भयानक स्थिति पर आकर पहुंच गई है कि 10 साल के छोटे बच्चों से लेकर 25 साल के युवा इसके  जद में आ रहे हैं। बिहार मे शराब तो बंद नहीं हुई उल्टे शराब सहित कई प्रकार के नशे बिहार में एंट्री कर गए। एक तरह से माना जाए तो शराबबंदी कानून ऐतिहासिक भूल है। आप हर जगह सुनते होंगे अभी जितने भी क्राइम हो रही है सारे क्राइम में स्मैक एवं अन्य नशा करने वाले पाए जाते हैं।जन सुराज के कार्यक्रम को संबोधित करते युवक 

 जिस हिसाब से बिहार में युवा नशा कर रहे हैं सत्य मानिए तो स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है 10 से 15 साल के बाद नए जेनरेशन नहीं बचेगी। युवा नशे पीकर एक्सीडेंट हो रहे हैं थोड़ी सी पैसे के लिए चोरी किसी का मर्डर कर रहे हैं। रोड क्राइम कर रहे हैं रोड पर चलना मुश्किल हो चुका है किसको कहां पर मात्र थोड़ी सी पैसे के लिए गोली मार दिया जाएगा कहना मुश्किल है। बिहार में अपराध का ग्राफ जो बढ़ा है इसका मुख्य कारण नशा है। घर के अभिभावक युवा बच्चों से परेशान है। घर में भी तबाही कर रहे हैं, समझाने पर आत्महत्या कर लेते हैं। बिहार में अगर सबसे बड़ा मुद्दा है तो युवाओं में बढ़ते नशे का लत का है लेकिन इस पर कोई भी नेता खुलकर बोलना नहीं चाहते। बिहार में बड़े से बड़े नशे का खेप पुलिस प्रशासन एवं नेता के बिना संभव नहीं। कार्यक्रम का मंच संचालन अमित कुमार ने किया। और इस मीटिंग में बिनोद कुमार, मो. मुजाहिद, मो. आलम सहित जन सुराज से जुड़े तमाम प्रबुद्घ जन सहित अतिथियों ने भी अपने अपने विचार से सभी को अवगत कराया।

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