कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
देश में आईपीसी-सीआरपीसी की जगह अब तीन नए कानून लेंगे। ये कानून हैं भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। नए कानून में राजद्रोह को खत्म किया गया है। बताया कि एक जुलाई से पूरे देश में तीन नये आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। ये कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम औपनिवेशिक युग के पुराने कानूनों की जगह लेंगे और आपराधिक न्याय प्रणाली को आधुनिक बनायेंगे। इसी संदर्भ में पीटीसी स्तर से लेकर पुलिस अधीक्षक स्तर तक के सभी 330 से अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। जो 110- 110 के बैच में 3 -3 दिन तक सिंहेश्वर के बीपी मंडल इंजीनियरिंग कालेज में चल रहा है। देश मे वर्षों पुराने कानूनों को एक नए रूप में लागू किया जा रहा है। भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के माध्यम से एक नए युग की शुरुआत होगी। इन तीन नए प्रमुख कानूनों का मकसद सजा देने की बजाय न्याय देना है।मसलन साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि पुराने कानूनों में साइबर अपराधों के लिए कोई प्रावधान नहीं था। नए कानून में इसके लिए व्यवस्था की गयी है। इन नए कानूनों में सूचना प्रौद्योगिकी के साथ ही फॉरेंसिक लैब की स्थापना पर बल दिया गया है। इन कानूनों में ई-रिकॉर्ड का प्रावधान किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर और चार्जशीट डिजिटल होंगे। पीड़ित को 90 दिनों के भीतर सूचना प्रदान की जाएगी और 7 साल या उससे अधिक की सजा के प्रावधान वाले मामलों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य होगी। प्रशिक्षण में शामिल पुलिस पदाधिकारी
वही राजद्रोह कानून की जगह देशद्रोह को परिभाषित किया गया है। आतंकवाद से जुड़े मामलों में मृत्युदंड या आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। इन नए कानूनों के तहत थाने से कोर्ट तक कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके अन्तर्गत देश में एक ऐसी न्यायिक प्रणाली स्थापित होगी जिसके जरिए तीन वर्षों के भीतर न्याय मिल सकेगा। जानकारी के मुताबिक 35 धाराओं में न्याय प्रक्रिया का समय सीमा निर्धारित किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शिकायत दायर करने के तीन दिन के भीतर एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है। साथ ही यौन उत्पीड़न के मामलों में तय समय के भीतर जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा। मौके पर एएसपी प्रवेंद्र भारती, डीएसपी मुख्यालय मनोज कुमार, यातायात डीएसपी, थानाध्यक्ष श्रीकांत शर्मा, विजय पासवान, हुस्न आरा, अशोक सिंह, विनोद कुमार, सुबोध रजक, सहित कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थें।
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