पीएचडी छात्रों का प्रदर्शन
बीएनएमयू बना छावनी
कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
मधेपुरा के भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी कोर्स वर्क परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी सामने आने के बाद माहौल गर्म हो गया है। बुधवार को विभिन्न छात्र संगठन के नेताओं और बड़ी संख्या में पहुंचे अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय को पूर्णतः बंद करवाते हुए कुलसचिव कार्यालय का घेराव किया और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान छात्रों के हंगामा को देखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में सुबह से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। हालांकि मौजूद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने प्रदर्शन कर छात्र-छात्राओं को समझाने बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आंदोलनकारी परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए 98 छात्र-छात्राओं को पास करने की बात पर अड़े रहे। छात्र नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो छात्र कभी क्लास नहीं किये उन्हें उत्तीर्ण कर दिया गया है जबकि रेगुलर क्लास करने वाले को फेल कर दिया गया है। बीएनएमयू प्रशासन की आर में यहा पीएचडी रैकेट एक्टिव है जो छात्रों का शोषण कर रहा है। पीएचडी कोर्स वर्क के परिणाम में बड़े पैमाने पर अनियमितता और धांधली की गयी है। परीक्षा में 370 छात्र - छात्राएं परीक्षा में शामिल हुए थे जिसमे 98 छात्रों को जानबुझ कर फेल कर दिया गया है। जबकि बीएनएमयू में कार्यरत कई अधिकारियों के पत्नी और बच्चे उत्तीर्ण कर गये हैं। मौजूद छात्र नेताओं ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन सभी अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को उत्तीर्ण घोषित नहीं करता है। तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। वही इस मामले में मंडल विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर ने कहा कि परीक्षा में छात्र फेल और पास होते हैं। पीएचडी कोर्स वर्क 2021 की परीक्षा में शामिल 370 छात्र - छात्राएं शामिल हुए जिसमें 98 छात्र फेल कर गये। फेल विद्यार्थियों के द्वारा परीक्षा में अनियमितता की बात कही जा रही है। जो की सच नहीं है। परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव या कुलपति अपने स्तर से परीक्षा को इवेल्यूएट नहीं करते हैं। उत्तरपुस्तिका का इवैल्यूएशन एग्जामिनर करते हैं। फिर भी छात्रों की लिखित शिकायत को परीक्षा बोर्ड की बैठक में रखने के लिए कुलपति से आग्रह करेंगे। वही प्रकाशित रिजल्ट पर परीक्षा नियंत्रक की फर्जी हस्ताक्षर होने की बात पर उन्होंने कहा कि ऑपरेटरों की भूल की वजह से ऐसा हुआ है, लेकिन उसको सुधार कर लिया गया है।
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