कोशीतक/सिंहेश्वर मधेपुरा
बीमार व्यक्ति की सच्ची भाव से सेवा करने वाली को सिस्टर या नर्स कहा जाता है। क्योंकि वो इतनी आत्मीयता से मरीज की देखभाल करती है। और मरीज उनका सम्मान करते हैं। हर अस्पताल में आपको मरीजों की देखभाल में लगी नर्सें देखने को मिल जाएंगी। जिन्हें काफी सम्मान की नजर से देखा जाता है। इन्हीं नर्सों को सम्मान देने के लिए हर साल 12 मई को विश्व भर में नर्स दिवस मनाया जाता है। इसी तरह का सम्मान देने के लिए सीएचसी सिंहेश्वर में 49 एएनएम,8 जीएनएम और 4 सीएचओ कुल 61 स्वास्थ्य कर्मी को चिकित्सा प्रभारी डा. रविन्द्र कुमार और चिकित्सक डा. अभिषेक कुमार ने प्रस्सती पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर चिकित्सा प्रभारी डा. रविन्द्र कुमार ने बताया की फ्लोरेंस नाइटिंगेल को आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 12 मई 1820 को इटली के शहर फ्लोरेंस में हुआ था। 1844 में उन्होंने एक नर्स के रूप में काम करने की घोषणा की। ब्रिटेन की घनी परिवार के होने के कारण सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर उनके माता-पिता ने स्वीकार नही कर ऐसा करने से मना कर दिया। 1850 में उनकी आपत्तियों के बावजूद, उन्होंने डसेलडोर्फ शहर में कैंसर वर्थ डीकोनेसेस इंस्टीट्यूट में चार महीने तक नर्सिंग छात्र के रूप में अध्ययन किया। उन्होंने 1853 में लंदन में इंस्टीट्यूट फॉर द केयर ऑफ सिक जेंटल वुमन में अपनी पहली नर्सिंग की भूमिका निभाई। फ्लोरेंस नाइटिंगेल को 1854 में क्रीमिया युद्ध में घायल हुए ब्रिटिश सैनिकों की देखभाल के लिए 38 नर्सों के एक समूह का नेतृत्व करने के लिए भी जाना जाता है। जब नाइटिंगेल और उनकी नर्सें तुर्की के स्कूटरी के सैन्य अस्पताल में पहुंचीं तो वे वहां की भयानक स्थिति देखकर हैरान रह गईं। दवा, और स्वच्छता मानक की दुर्दशा के कारण बड़े पैमाने पर संक्रमण फैली हुई थी। उन्होंने तुरंत हर कमरे की सफ़ाई शुरू कर दी। और नाइटिंगेल ने अपनी नर्सों से कहा कि वे बार-बार अपने हाथ धोएं। सफाई और हाथ धोने पर नाइटिंगेल के ध्यान ने स्थितियों को बेहतर बनाने में काफी मदद की। उन्होंने कहा अंधेरी रातों में अपने मरीजों को देखने के लिए नाइटिंगेल उनके बिस्तरों के बीच चलते समय एक दीपक लेकर चलती थी। इसके बाद उन्हें 'द लेडी विद द लैंप' के नाम से जाना जाने लगा।
61स्वास्थ्य कर्मी को मिला प्रस्सती पत्र
प्रसस्ती पत्र प्राप्त करने वाले जीएनएम, एएनएम और सीएचओ में सरस्वती राय, बबीता कुमारी, परोसिया किंडो , राजकुमारी देवी, रिंकू कुमारी, बेबी सुप्रिया, पल्लवी पायल, श्वेता सुमन, शिल्पा कुमारी, सरोज सिंह, पुष्पा कुमारी, पुष्पा कुमारी बी, कुमारी रेखा, नीतू कुमारी, पुष्प लता कुमारी, माला कुमारी, वेबी कुमारी, चंदा कुमारी, उमा कुमारी, रीना कुमारी, सोना कुमारी, चंद्रकांता कुमारी, गायत्री कुमारी, प्रेम शीला कुमारी, विजय लक्ष्मी, ज्योति पाठक, मीना कुमारी, दीपक शर्मा, राकेश यादव, परमेश्वर तिवारी, शुभम कुमार, कुमारी पुष्प लता, सुनीता कुमारी, स्वीटी सिन्हा, रूबी कुमारी, विभा कुमारी, राजनंदनी कुमारी, दिव्या भारती, शोभा कुमारी, संध्या कुमारी, संगीता कुमारी, तनुजा कुमार, निहारिका नंदनी वर्मा, अंशु प्रिया, निवेदिता कुमारी, अमृता कुमारी, सुनैना कुमारी, नूतन कुमारी, प्रतिमा कुमारी, मंजू सिन्हा, पूनम कुमारी, शोभा कुमारी शामिल हैं। इस अवसर पर एक सामुहिक भोज का आयोजन भी किया गया। मौके पर एचएम नवनीत चंद्रा, लेखापाल अमित सिन्हा, बीसीएम अंजनी कुमारी, सीबीसी रूपेश कुमार मौजूद थे।
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