कोशीतक/ शंकरपुर मधेपुरा
भले से सरकार के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 0-6 वर्ष के बच्चो, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार लाने और कुपोषण से बचाव के लिए गर्भवती एवं कुपोषित बच्चों के बीच टीएचआर का वितरण किया जाता है। साथ ही बच्चो गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य स्तर बाल मृत्यु दर में कमी बच्चो का मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए नामांकित बच्चों में कुपोषण को दूर करने तथा समुचित पोषण उपलब्ध करवाने के लिए कृत संकल्पित है। साथ ही अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्र पर चिन्हित 34 कुपोषित 6 अतिकुपोषित और 8 गर्भवती के बीच हर महीना खाद सामग्री का वितरण आंगनबाड़ी केंद्र के मध्यम से किया जाता है। जिसके लिए सरकार के द्वारा अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्र को 12 हजार 894 रुपए और मिनी को 6 हजार 447 रुपया दिया गया है। जिसमे बुधवार को बाल विकास परियोजना अंतर्गत केंद्र संख्या 12, 3, 25 सहित अन्य केंद्र का वितरण के समय में मुआयना किया गया तो देखा गया की तीन अलग अलग कोटि के बीच एक ही सामान सिर्फ चावल, दाल और सोयाबीन का वितरण किया जा रहा है। डिब्बा से नाप करते रासन देती आंगनबाड़ी सेविका
क्या है नियम
जबकि नियमानुसार कुपोषित को चावल एक किलो आठ सो पचहत्तर ग्राम, दाल 750 ग्राम, सोयाबीन 500 ग्राम और सरसो तेल के साथ मसाला दिया जाना है। अति कुपोषित को चावल दो किलो 942 ग्राम दाल एक किलो 337 ग्राम सोयाबीन 500 ग्राम के साथ सरसो तेल दिया जाना है। धात्री और गर्भवती को चावल 2 किलो 550 ग्राम दाल एक किलो सोयाबीन 375 ग्राम के साथ सरसो तेल दिया जाना है। विभागीय मिलीभगत से तीनो कोटि के लाभार्थी को एक ही सामान डेढ़ से दो किलो चावल आधा किलो दाल और 250 ग्राम के आस पास सोयाबीन देकर भारी पैमाने पर अधिकारी के मिलीभगत से लूट खसोट मचा हुआ था। केंद्र पर देखा गया की सिर्फ चावल, दाल और सोयाबीन ही दिया जाता है। किसी भी केंद्र पर सरसो तेल और मसाला चयनित लाभार्थी के बीच वितरण नही किया जा रहा था। जबकि इसके लिए अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्र को 18 किलो 200 ग्राम और मिनी को 9 किलो 100 ग्राम सरसो तेल क्रय किया जाता है।
लाखों का हो रहा है वारा न्यारा
मालूम हो की बाल विकास परियोजना के अंतर्गत कुपोषित 3893 अतिकुपोषित 687 धात्री 916 और गर्भवती भी 916 लाभार्थी है ऐसे में हजारों लीटर सरसो तेल का बारा न्यारा कर सिर्फ कागजों पर ही वितरण दिखा कर कर लिया जा रहा है। जिसका मूल्य लाखो में है।