कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
नगर पंचायत सिंहेश्वर के मवेशी हाट मैदान में तीन दिवसीय सुखद सत्संग के दूसरे दिन राष्ट्रीय संत असंग देव महाराज ने जीवन जीने के तरीके बताते हुए जीवन के सार के बारे में बताया कि पांच सीढ़िया चढ़ने के बाद सार की प्राप्ति होती है। मनुष्य अपने जीवन के अभिमान को समाप्त करता है वह सार की प्राप्ति करता है। उन्होंने कहा रावण महा विद्वान था। 3 दिवसीय सुखद सत्संग में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
जब बोलता था तब ज्ञान की बात काफी बोलता था। लेकिन उसे अपने आचरण में उतार नही पाया। रावण को ज्ञान का अभिमान था। ज्ञान का अभिमान भी जीव को डूबा देता है। लेकिन राम को अभिमान का ज्ञान था। दोनो में अंतर है जिसे अभिमान का ज्ञान है वह भगवान राम बन गए। और जिसे ज्ञान का अभिमान था वह राक्षस रावण बन गया। मनुष्य का सब कुछ नाश करने वाला उसका अभिमान ही है। आप कितने भी धनवान हो जाओ, लेकिन आपमें अगर नम्रता है तो आपका धन भी बढ़ता रहेगा। जिस दिन जीवन में अभिमान आ जाएगा उसी दिन से धन खत्म होना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा संपत्ति कमाइए लेकिन अभिमान कर विपत्ति को मत बुलाइए। धनवान होना गुनाह नही है। महात्मा विदुर से धृतराष्ट्र ने पूछा था मनुष्य का सब कुछ नाश करने वाला कौन है। मनुष्य के सुंदर रूप को हरने वाला कौन है। धैर्य को तोड़ने वाला कौन है। वही यह भी कहा कि जिनके घर में प्रेम नही है उस घर में कोई खुश नही रहता है। और जिनके घर में प्रेम है उस घर में सुख रहती है। मिलजुल के रहने के साथ झुकना भी सीखिए। परिश्रम उन्नति की चाभी है। प्रसन्नता लक्ष्मी को घर में बुलाने का बहुत बड़ा मंत्र है। हसमुख स्वभाव ही स्वस्थ्य रहने का मुल मंत्र है। क्षमा करना संगठन का मंत्र है। अनुशासन रखना उन्नति का सूत्र है। नियम में चलना चरित्रवान बनने की निशानी है। संयम से रहना सुख पाने का उपाय है। मनुष्य के सुंदर रूप को बुढ़ापा हर लेता है। योग और व्यायाम, समय पर भोजन, पानी खुली हवा का अनुपालन करने से शरीर 20 वर्ष बूढ़ा नहीं होता है। चिंता भी मनुष्य को बूढ़ा कर देती है। दुखी रहने से भी आपकी सुंदरता कम होती है। चिंता से जो बचना चाहते हैं वह विवेकवान बने। जो संयम से काम लेते हैं वह जिंदगी के अखाड़े में जीत हासिल करते हैं। मौके अशोक वाटिका के प्रोपराइटर अभिषेक भगत उर्फ सिंकु, दिलीप खंडेलवाल, राजीव रंजन, अनिल कुमार यादव, संजय कुमार सुमन, सुनिल कुमार, आयोजक रतन राज, विश्व नशा उन्मूलन के संस्थापक संत गंगा दास, पतंजलि जिला युवा प्रभारी उपेन्द्र कुमार योगी, अधिवक्ता दिनेश यादव, समाजसेवी भुवनेश्वरी यादव, बिरेन्द्र यादव ने कबीर सुखद सतसंग के मुख्य वक्ता असंग देव साहेब को माला और शाल से सम्मानित किया।
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