कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा के पूर्व प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ. केपी. यादव को पटना में बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के हाथों उत्कृष्ट शैक्षणिक उन्नयन सम्मान प्राप्त हुआ है। इससे संपूर्ण कोसी-सीमांचल एवं मिथिलांचल में हर्ष व्याप्त है। यह जानकारी महाविद्यालय के शिक्षक डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि डॉ. यादव ने 1983 में बी. एनएमवी कॉलेज मधेपुरा के मैथिली विभाग में व्याख्याता के रूप में योगदान दिया था। फिर वे विश्वविद्यालय में उप कुलसचिव (स्थापना) एवं विकास पदाधिकारी सहित कई पदों पर रहे। वे वर्ष 2009 में वे कमीशंड प्रिंसिपल बने। तदुपरांत उन्होंने क्रमशः पार्वती विज्ञान महाविद्यालय मधेपुरा एमएलटी कॉलेज, सहरसा और ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा में प्रधानाचार्य के रूप में अविस्मरणीय कार्य किया। उन्होंने बताया कि डॉ. यादव भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय अंतर्गत संचालित साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के मैथिली परामर्शदात्री समिति के सदस्य तथा अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे हैं। इनकी पुस्तक भारत दुर्दशा एवं मिथिला नाटक तुलनात्मक भारत दुर्दशा एवं मिथिला नाटक : तुलनात्मक काफी चर्चित है। इनके निर्देशन में एक दर्जन से अधिक शोधार्थियों ने पीएचडी उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि डॉ. यादव अनवरत साहित्य साधना में मन वचन एवं कर्म से संलग्न हैं। विभिन्न प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए भी उन्होंने कभी भी सरस्वती की आराधना नहीं छोड़ी। खासकर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के प्रधानाचार्य के रूप में उन्होंने शैक्षणिक उन्नयन में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
إرسال تعليق