जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा।

Dr.I C Bhagat
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गांधी पार्क में जिला प्रशासन के खिलाफ घरना पर बैठ जनप्रतिनिधि 


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा


शोभा सम्राट थिएटर और मारुति सर्कस को जिला प्रशासन द्वारा बंद किए जाने का बाद प्रशासन और मेल दुकानदारों के बीच का गतिरोध चल ही रहा था। कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने महाशिवरात्रि के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा अपमानित करने का आरोप लगाते हुए देश के सबसे बड़े सत्याग्रही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समझ गांधी पार्क सिंहेश्वर पहुंच कर जनप्रतिनिधियों  ने धरना प्रदर्शन किया। इसके साथ  ही जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मेला उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किए जाने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ साथ स्थानीय विधायक चंद्रहास चौपाल ने जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा मेला उद्घाटन में जिस तरह स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दर किनार कर दिया। वह स्थानीय जनप्रतिनिधि का अपमान है।

धरना से पहले गांधी जी को माल्यार्पण करते विधायक, प्रमुख, नगर पंचायत मुख्य और उप मुख्य पार्षद।

 विधायक श्री चौपाल ने प्रखंड के प्रमुख और नगर पंचायत के मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद को अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा महिला होने के कारण अपमानित किया गया। उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है। सिंहेश्वर के विधायक चंद्रहास चौपाल ने कहा अधिकारियों द्वारा ऐतिहासिक सिंहेश्वर मेला का उद्घाटन समारोह में जिले के प्रतिनिधियों का आमंत्रित नहीं करना एक गलत संदेश दे रहा है। और साजिश के तहत श्रृंगी  ऋषि की तपोस्थली पर सौ वर्षों से अधिक समय से लगने वाला मेला को समाप्त करने की रणनीति है। प्रशासनिक अधिकारी ही सभी काम करेंगे। तो जन प्रतिनिधि का क्या काम रहेंगा। अधिकारी लोक सेवक है उसका काम व्यवस्था करना उद्घाटन और शिलान्यास करना जनप्रतिनिधियों का काम है। विधायक ने सरकार से अभिलंब डीएम के ट्रांसफर की मांग की है। वही इस बाबत प्रखंड प्रमुख इस्तियाक आलम ने कहा हम सभी जन प्रतिनिधि बहुत ही दुःखी हैं सिंहेश्वर में महिला दिवस पर स्थानीय महिला जनप्रतिनिधि को दरकिनार कर आलमनगर से एक महिला मुखिया को यह कह कर सम्मानित किया गया की वह खुद ही बैठक में शामिल होती है। तो क्या सिंहेश्वर की महिला जनप्रतिनिधि बैठक में शामिल नही होती है। यहा सभी महिला मुखिया और महिला पंचायत समिति सदस्य ही बैठक में भाग लेते हैं। और तो और यहा की नगर पंचायत अध्यक्षा भी महिला है। तो क्यों महिला दिवस पर ही महिला का स्थानीय  लोगों के बीच अपमानित किया गया। 

फुल के पौधे की जगह कचरा से विरान बना गांधी पार्क 

वही उप मुख्य पार्षद मो. परवेज आलम ने गांधी मैदान की ओर दिखाते हुए कहा की आज जिस गांधी मैदान में मेला के समय फुलों को देखने के लिए दुर दुर से लोग आते थे। और मेला की थकान मिटाने के लिए लोग गांधी पार्क में आते थे। आज वहा सिर्फ कचरा का ढेर देख रहे हैं। यह सिंहेश्वर न्यास की मनमानी का गवाह है। बाहर से महिला जनप्रतिनिधि को बुला कर सम्मानित करना और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नही पुछना महिला  दिवस पर महिलाओं कि अपमान नही तो और क्या है। वही मुखिया संघ अध्यक्ष सह सुखासन मुखिया सह राजद के प्रखंड अध्यक्ष किशोर कुमार पप्पू ने न्यास सदस्यों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा की न्यास सदस्य ही स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच खाई बनाने का काम कर रहा है। जिसका नतीजा है कि मेला उद्घाटन में जनप्रतिनिधियों को नही बुलाया गया। ना ही स्थानीय लोगों के साथ बैठक की गई। न्यास  के सदस्य नीजी हीत के लिए मेला को बर्बाद करने मे लगे हुए हैं। वही जदयू के प्रखंड अध्यक्ष हरेंद्र मंडल, दानी मंडल और व्यापार मंडल अध्यक्ष शिवचंद चौधरी ने प्रशासन पर मेला उजाड़ने और जनप्रतिनिधियों के अपमानित करने की साजिश का आरोप लगाया।

न्यास को 11 नही 12 माह का भाड़ा देने का समर्थन करते दुकानदार।

 साथ की दुकानदारों ने मेला संवेदक की जगह न्यास को भाड़ा देने की बात कही। दुकानदारों ने कहा 1 दिन में 1 हजार बेचते भी नही तो 1 हजार रुपए फीट भाड़ा कहा से देंगे। मौके पर नगर पंचायत अध्यक्षा पुनम देवी, वार्ड पार्षद शंकर चौधरी, रंजीत सिंह, विंदेश्वरी राम, मुखिया विजय सिंह, जय कृष्ण शर्मा, जय कृष्ण रजक, अजय यादव, राकेश कुमार सिंह, बबलू यादव, सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। 

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