

कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
सिंहेश्वर के कन्या मध्य विद्यालय में कृमि दिवस के अवसर पर विधालय के बच्चों के बीच कृमि की गोली खिलाने के कार्यक्रम कि उद्घाटन सिविल सर्जन मिथलेश ठाकुर ने किया। इस दौरान विधालय के सभी बच्चों को चिकित्सकों की देख रेख में एलबेंडाजोल की खुराक दी गई। मालुम हो कि कृमि दिवस का आयोजन प्रत्येक 6 माह में किया जाता है। राष्ट्रीय कृमि दिवस पर 1 से 19 वर्ष के बच्चों को स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में खिलाई जा रही है। एवं 19 मार्च को छूटे हुए बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। जिले के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों, शासकीय व निजी विद्यालयों, मदरसों में बालक एवं बालिकाओं को कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल 400 मि.ग्रा. की गोली का सेवन कराया जा रहा है। जिला के सिंहेश्वर प्रखंड स्थित बालिका उच्च विद्यालय में सीएचसी सिंहेश्वर के द्वारा सीएस मिथलेश ठाकुर की अध्यक्षता में एसीएमओ डा. अब्दुल सलाम, डीआईओ डा. विपिन कुमार गुप्ता, सीएचसी प्रभारी डा. रविन्द्र कुमार की उपस्थिति में बच्चों को एलबेंडाजोल की खुराक खिला कर उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर सीएस डा. ठाकुर ने कहा कि छोटे बच्चों के अलावा प्रत्येक व्यक्ति को भोजन से पहले और बाद में हाथ धोना, पीने योग्य पानी पीना और नंगे पैर चलने और खुली हवा में शौच करने से परहेज करके परजीवी कृमि संक्रमण को रोका जा सकता है। पेट का कीड़ा बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
सीएचसी प्रभारी डा. रविन्द्र कुमार ने ज्यादा से ज्यादा बच्चों को कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल का सेवन करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि कृमि नाशक दवा का सेवन से बच्चों के बौद्धिक विकास, स्वास्थ्य एवं पोषक का स्तर, एनीमिया की रोकथाम तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। उन्होनें बताया कि यह दवा सुरक्षित है। मिट्टी, पानी और वातावरण के कारण बच्चे और बड़े दोनों में कृमि हो सकता है। स्कूली बच्चों के सेवन से बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी तथा कक्षा में शत प्रतिशत उपस्थिति रहेगी। डीआईओ विपिन कुमार गुप्ता ने बताया कि जिले में वर्ष 2024 हेतु 12 लाख 17 हजार 218 बच्चों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें 1-5 वर्ष के लिए 3 लाख 32 हजार 128 और 6 से 19 वर्ष के 8 लाख 85 हजार 90 बच्चों को एलबेंडाजोल की खुराक खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि वैसे बच्चे और किशोर जो स्कूल नहीं जाते हैं उनपर भी विशेष फोकस किया जाएगा। पेट में कृमि होने के कई तरह के समस्या हो सकती है। ऐसे लक्षण के प्रति माता-पिता को जागरूक रहना चाहिए। बच्चों को पढ़ने में मन नहीं लगेगा। खाने में रूचि घटने लगेगी या अधिक भोजन करेंगे लेकिन शरीर में नहीं लगेगा। अल्बेंडाजोल की गोली खिलाने से बच्चे एनीमिया के शिकार से बच सकते हैं। मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है। बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। मानसिक और शारीरिक विकास के लिए एक से 19 वर्ष तक बच्चों को गोली खिलानी जरूरी है। प्रबंधक नवनीत चंद्रा ने समुदाय को जागरूक करने के लिए आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी गई है। एक से पांच तक स्कूल नहीं जाने वाले बच्चे को आंगनबाड़ी केंद्रों में दवा दी जाएगी। एक से दो वर्ष तक बच्चे को आधी गोली चूर्ण बनाकर खिलानी है। ऐसे बच्चे जो बीमार हैं या अन्य दवा चल रही है उसको कृमि की दवा नहीं देनी है। इस अवसर युनिसेफ के एसएचओ डा. शशि ठाकुर, बीसीएम अंजनी कुमारी, लेखापाल अमित कुमार सिन्हा, सीबीसी रूपेश कुमार, संदीप कुमार, एचएम शांति कुमारी तथा सभी एएनएम और आशाकर्मी मौजूद थे।
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