श्रीमद् भागवत कथा सुनने से आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है

Dr.I C Bhagat
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श्रीमद्भागवत भागवत कथा सत्संग शुरू 


कोशी तक/सिंहेश्वर, मधेपुरा 


श्रीमद् भागवत पुराण को भगवान कृष्ण का साहित्यिक अवतार माना जाता है ।  श्रीमद् भागवत कथा सुनने से आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है । श्रीमद् भागवत कथा स्वयं की प्रकृति और परम वास्तविकता के बारे में सिखाती है। स्थानीय मवेशी हाट में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के पहले दिन शुक्रवार को वृंदावन से आए आचार्य गोपाल शरण जी महराज ने श्रद्धालुओं से कहा। उन्होंने कहा की भागवत कथा मात्र सुनने से ही जीवन सार्थक हो जाता है। जन्म तो हर प्राणी एवं मनुष्य लेता है लेकिन उसे अपने जीवन का अर्थ बोध नहीं होता है। बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक वह सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है। श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत होती है इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है।

   हजारों की संख्या में पंडाल में मौजूद कथा का श्रवण करने पहुंचे भक्तों को  आचार्य प्रमोद शरण जी महाराज ने कहा श्रीकृष्ण ने भागवत गीता के माध्यम से बुराई व सदाचार के बीच अंतर बताया। ईश्वर को धन दौलत व यज्ञों से कोई सरोकार नहीं है। वह तो केवल स्वच्छ मन से की गई आराधना के अधीन होता है। भगवान जात, पात व धर्म नहीं जानते वे तो सच्चे मन से किए गए कार्यों को जानते हैं और उसकी किए कर्म के अनुसार उन्हें आशीर्वाद भी देते हैं । इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन व्यापार मंडल के अध्यक्ष शिवचंद्र चौधरी, नगर पंचायत के मुख्य पार्षद पूनम देवी ,गुरुधाम आश्रम के बाबा विमलानंद जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया । मौके पर यज्ञ समिति के अध्यक्ष प्रीतम कुमार, व्यापार मंडल अध्यक्ष शिवचंद्र चौधरी, मोहन सिंह, पंकज कुमार, राहुल कुमार, पप्पू दास, विकास कुमार, चंदन कुमार सिंह, प्रभु भगत, पुरुषोत्तम कुमार, श्यामानंद कुमार, धीरेंद्र यादव, अनमोल यादव, कुलदीप, गोविंद, प्रभाकर, संजय यादव, बुलबुल यादव सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे । शुक्रवार का भंडारा मानिकपुर पंचायत के सरपंच मंजू देवी व पैक्स अध्यक्ष राबिन यादव द्वारा किया गया

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