धुमधाम से बाबा सिंहेश्वर नाथ तिलकोत्सव हुआ।

 

बाबा के तिलकोत्सव में शामिल भक्तगण 


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा 


हर साल की भांति शरद पंचमी को बाबा भोलेनाथ का तिलकोत्सव सिंहेश्वर बाबा मंदिर में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बाबा सिंहेश्वर नाथ के बाबा मंदिर में बाबा के  प्रतीकात्मक मायका गौरीपुर से बाबा के तिलकोत्सव के लिए पंडा समाज की ओर से अमरनाथ ठाकुर उर्फ लालबाबा, संजीव ठाकुर, अमरनाथ ठाकुर, पाल बाबा, रंजीत ठाकुर की अगुवाई में एक जोड़ी धोती, लाल धान, पांच हल्दी, एक 5 का सिक्का, मिठाई,फल, सेंट, दुवा, पान सुपारी और अबीर के  साथ गाजे बाजे से  लैस होकर बाबा मंदिर में पहुंचे। तो उसके साथ शहर के प्रतिष्ठित लोग भी सराती में शामिल थे। सिंहेश्वर  मंदिर न्यास समिति के मैनेजर अभिषेक आंनद ने मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ धोती में जन्म गांठ बांधा। और पुजारी प्रशांत ठाकुर ने बाबा भोलेनाथ को तिलक अर्पित कर किया। तिलक की रस्म के पूरा होते ही पूरा मंदिर बाबा के जयकारे से गूंज उठा। चारों तरफ गाजा बाजा  की धुन गूंज उठी । पुरे मंदिर परिसर बाबा भोलेनाथ के जयकारे के साथ सभी भक्त झूमते और बाबा के जयकारे लगाते रहे। मालूम हो बसंत पंचमी को हर साल इस दिन बाबा भोले का तिलकोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इसके लिए गर्भ गृह को भी सजाया जाता है। लेकिन इस बार गर्भ गृह को नही सजाया गया। तिलकोत्सव के बाद 8 मार्च को को महाशिवरात्रि के दिन मंदिर से बाबा की भव्य और आलोकिक बारात गौरीपुर के मैया मंदिर तक जायेगी। और धूमधाम से भोलेनाथ के विवाह की रस्में पूरी की जाएगी।बाबा के तिलकोत्सव का गांठ बांधते सदस्य और मैनेजर 

विधिवत हुआ बाबा भोलेनाथ का तिलकोत्सव।

 वही तिलकोत्सव में शाम के 7:30 बजे मंदिर प्रांगण में गाजे बाजे के साथ गौरीपुर निवासी माता पार्वती के परिजन स्वरूप नुमाइंदे बनकर तिलक का सामान ले मंदिर परिसर पहुंचे परिसर में गाजे बाजे की आवाज और भक्तों के हुजूम नृत्य करने लगे। शाम 7:30 बजे तक समय के अनुसार मंदिर के गर्भ गृह की साफ-सफाई और पानी से धोने का काम किया गया। उसके बाद फिर गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराया गया। विधि विधान से दुध , दही, मधु, शक्कर, घी के लेप से शिवलिंग का अभिषेक किया गया। 7.45 में बाबा को सुगंधित तेल से स्नान कराने के बाद फिर गंगा जल से अभिषेक किया। 8.00 बजे अष्टगंध से स्नान कर श्रीखंड चंदन का लेप लगाया गया। मुख्य तिलकोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत 8: 15 बजे हुई। फिर बाबा का गंगाजल से अभिषेक के बाद मंत्रोच्चारण के साथ विधि विधान के साथ बाबा भोलेनाथ को उसके सबसे प्रिय बेलपत्र से शिवलिंग को अच्छादित कर दिया गया। फिर फूल और मालाओं से सजा कर बाबा का सिंगार किया गया। फिर अमरनाथ ठाकुर ने मैनेजर अभिषेक आनंद, सदस्य विजय सिंह के साथ गौरीपुर से आए तिलक का सामान धोती, लाल धान 5 हल्दी एक सिक्का मिठाई फल सेंट दो पान सुपारी और अबीर अभ्रक को एक जोड़े रंगे हुए धोती में मंत्रोच्चारण के साथ बांध दिया। पुजारी प्रशांत ठाकुर और बुच्ची ठाकुर ने बाबा भोलेनाथ के तिलक अर्पित किया । बाबा के तिलक की रस्म पूरा होते हैं बाबा के भक्तों ने शिवलिंग पर अबीर गुलाल चढ़ाकर पहली होली की शुरुआत की उसके बाद भक्तों ने भी मंदिर परिसर में जमकर एक दुसरे को अबीर लगाया।तिलकोत्सव में शामिल होने दुर दुर से आए गणमान्य 

 भक्तों में एक समय तो गुलाल लगाने की होड़ सी मच गई थी। गर्भ गृह  से लेकर पूरा मंदिर परिसर अबीर और गुलाल से पट गया बाबा के तिलकोत्सव और प्रथम होली के कार्यक्रम के समापन से पहले बाबा की आरती की गई। उसके आधा घंटे के बाद परंपरागत आरती के बाद तिलकोत्सव कार्यक्रम संपन्न हो गया। इस पुनित अवसर पर सुपौल के प्रमुख प्रतिनिधि जितेन्द्र कुमार सिंटु, नगर  पंचायत अध्यक्षा पुनम देवी, भाजपा के आभाष झा, व्यापार  मंडल अध्यक्ष शिवचंद चौधरी, सचिदानंद चौधरी, दिलीप खंडेलवाल, पिनाक चंद, पुर्व न्यास समिति सदस्य सरोज सिंह, मनोज ठाकुर, सुरेश ठाकुर, कैलाश ठाकुर, रघुनाथ साह, अशोक साह, कलानंद ठाकुर, अभय ठाकुर, नवनीत ठाकुर, कन्हैया ठाकुर, चंद्र नाथ ठाकुर, रूद्र नाथ ठाकुर, निलम देवी, रेणु देवी सहित सैकड़ों महिला और पुरुष बाबा के एक झलक पाने को लालायित थे ।

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