बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजनांतर्गत लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा एवं महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्घाटन करते डीएम, एसपी, डीडीसी और प्राचार्य।


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा


महिला एवं बाल विकास निगम बिहार के  निदेशानुसार जिला प्रशासन, मधेपुरा द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजनांतर्गत लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा एवं महिलाओं की सुरक्षा के प्रति पुरुषों की भागीदारी विषय पर आधारित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, मधेपुरा में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी विजय प्रकाश मीणा, पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, उप विकास आयुक्त नितिन कुमार सिंह, प्राचार्य डा. भूपेंद्र प्रसाद, अपर समाहर्ता आपदा, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी-सह-नोडल पदाधिकारी रश्मि कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।कार्यक्रम को संबोधित करते डीएम विजय प्रकाश मीणा 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम डीएम श्री मीणा द्वारा उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं, पदाधिकारी एवं कर्मियों को नववर्ष की शुभकामनाएं दी गई। साथ ही कहा कि किसी भी प्रकार के हिंसा का विरोध हमें अपने परिवार, मित्र एवं समाज से प्रारंभ करनी चाहिए। जबतक अपराध सहते रहेंगे तब तक अपराध होते रहेगा। अपराध करने वाले से ज्यादा अपराध सहने वाला अपराधी होता है। इसीलिए अपराध सहें नहीं अपराध कहें और इसके विरुद्ध मिलकर आवाज़ उठाएं। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि हिंदू धर्म में जितना सम्मान देवताओं को है उतना ही सम्मान देवियों को भी है। ब्रिटिश काल में महिला हिंसा के खिलाफ राजा राममोहन राय जैसे कई महापुरुष आवाज उठाए थे।

प्रतिभागी को सहभागिता पुरस्कार से सम्मानित करते 

प्राचार्य, जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय, मधेपुरा डॉ भूपेंद्र प्रसाद ने कहा कि लैंगिक समानता का अर्थ यह नहीं है कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति एक लिंग का हो। अपितु लैंगिक समानता का सीधा सा अर्थ है समाज में महिला तथा पुरुष के समान अधिकार, दायित्व तथा रोजगार के अवसरों के परिपेक्ष में है। महिला और पुरुष समाज के मूल आधार हैं समाज में लैंगिक और असमानता सोच- समझकर बनाई गई एक खाई है। जिससे समानता के स्तर को प्राप्त करने का सफर बहुत मुश्किल हो जाता है। समानता एक सुंदर और सुरक्षित समाज की वह नीव है जिस पर विकास रूपी इमारत बनाई जा सकती है। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी-सह-नोडल पदाधिकारी रश्मि कुमारी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए जिला में मिशन शक्ति योजना संचालित है। यह योजना महिलाओं सम्पूर्ण लाइफ साइकिल पर आधारित है। महिलाओं को अब डरने की जरूरत नहीं है महिलाओं से संबंधित सभी तरह के समस्या के समाधान के लिए समाहरणालय परिसर में वन स्टॉप सेंटर एवं जिला हब एंपावरमेंट ऑफ़ वीमेन कार्यालय संचालित है। जिसके तहत महिलाओं को महिलाओं से संबंधित सभी तरह की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। वहीं सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई मधेपुरा द्वारा पास्को एक्ट एवं चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर-1098 के संबंध में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा महाविद्यालय के छात्राओं यथा ओम ओंकार नाथ, गौरव राज, आकाश पांडे, सर्तक, खुशी केसरी, निशा रानी, गीतांजलि कुमारी, रेशमा, अनवर समर, फातिमा, सान्वी गुप्ता द्वारा लैंगिक समानता, लैंगिक हिंसा एवं महिलाओं की सुरक्षा में पुरुषों की भागीदारी पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। कार्यक्रम के अंत मे वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन, मधेपुरा द्वारा सभी प्रतिभागी को सहभागिता पुरुस्कार के रूप में कॉफी मग दिया गया। कार्यक्रम में डा. वीरेंद्र कुमार, डा. पीके मधुकर, डा. पूनम कुमारी, जिला मिशन समन्वयक, मो. इमरान आलम, जिला समन्वयक अंशु कुमारी, केंद्र प्रशासक कुमारी शालिनी, लैंगिक विशेषज्ञ राजेश कुमार,  लिपिक मणिकांत आजाद, प्रकाश कुमार, खुशबू कुमारी, रवीना कुमारी, उदय कुमार के साथ-साथ कई चिकित्सक, छात्र, छात्राएं, कर्मी, सफाई कर्मी एवं सुरक्षा गार्ड मौजूद थे।

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