कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा।
वैसे अधिकार जो लोगों के जीवन के लिए अति-आवश्यक या मौलिक समझे जाते हैं उन्हें मूल अधिकार कहा जाता है। भारत के नागरिकों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 तक मूल अधिकार प्रदत किए गए हैं। हमें इन अधिकारियों के प्रति सजग होना चाहिए और अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करना चाहिए। यह बात इतिहास विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के सहायक प्राध्यापक डा. अमिताभ कुमार ने कही। वे एनएसएस प्रथम इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन मानवाधिकार जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आधुनिक विश्व में मानवाधिकार की अवधारणा संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है। इसका वर्णन संविधान के भाग-3 में अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35 है। इसमें संशोधन हो सकता है। और राष्ट्रीय आपात के दौरान अनुच्छेद 352 जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को छोड़कर अन्य मौलिक अधिकारों को स्थगित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मूल संविधान में सात मौलिक अधिकार थे। लेकिन 44 वें संविधान संशोधन द्वारा संपत्ति का अधिकार को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर इसे संविधान के अनुच्छेद 300 (ए) के अंतर्गत क़ानूनी अधिकार के रूप में रखा गया है। उन्होंने बताया कि समता या समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार,संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं। एनएसएस प्रथम इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर में भाग लेते
कार्यक्रम में की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डा. कैलाश प्रसाद यादव ने दुनिया के सभी लोगों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार मिलना चाहिए। दर्शनशास्त्र विभाग डा. सुधांशु शेखर ने बताया कि भारतीय दर्शन में न केवल सभी मनुष्यों वरन् संपूर्ण चराचर जगत के कल्याण की कामना की गई है। हमने वसुधैव कुटुंबकम् एवं सर्वेभवन्तु सुखिन: का आदर्श प्रस्तुत किया है। इन आदर्शों को अपने पर सहज ही मानवाधिकारों की रक्षा होगी और दुनिया में सुख-समृद्धि एवं शांति भी कायम हो जाएगी। अतिथियों का स्वागत करते हुए मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डा. शंकर कुमार मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एनसीसी पदाधिकारी लेफ्टिनेंट गुड्डु कुमार ने किया। इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, अनुपम कुमारी, श्वेता कुमारी, संजना कुमारी, नैना कुमारी, अंकित कुमार, मंजेश कुमार, हेमंत कुमार, सिंटू कुमार, मंटू कुमार, निभा कुमारी, कृष्णा कुमारी, आरती कुमारी, रोशनी खातून, अभिलाषा कुमारी, काजल कुमारी, राकेश कुमार, लवली कुमारी, लवली कुमारी, खुशबू कुमारी, निभा कुमारी, निधि कुमारी, निकेश कुमार, राम रूपेश कुमार, रोहित कुमार, राहुल कुमार, राहुल कुमार, बाबुल कुमार, मुकेश कुमार, कुंदन कुमार, आशीष कुमार आदि उपस्थित थे।