शिक्षक बहाली में रंगकर्मियों की भी हो बहाली - सुनीत साना

Dr.I C Bhagat
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डिग्रीधारी रंगकर्मियों को एसटीइटी में शामिल कर परीक्षा में बैठने देने की मांग की। 

कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा 

मधेपुरा जिला में लगातार अपने कला का प्रदर्शन कर रहे नाट्य एवं रंगमंच कर्मी की आर्थिक स्थिति काफी खराब होने के कारण मधेपुरा जिले के डिग्रीधारी रंगकर्मी सुनीत साना ने पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव के नाम पत्र लिखकर नाट्य एवं रंगमंच के विषय में डिग्री धारी छात्र/ छात्राओं को एसटीईटी में शामिल कर परीक्षा में बैठने की मांग की है। बिहार में हजारों की संख्या छात्रों ने नाटय एवं रंगमंच की पढ़ाई की है और स्नातक तथा स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की है। एनसीएफ- 2005 में लोक कलाओं एवं ललित कलाओं के अंतर्गत नाट्य विषय स्वीकृत है। तथा एनसीएफ 2009 तथा नई शिक्षा नीति में प्रत्येक शिक्षण संस्थान में नाटक के माध्यम से पढ़ाई पर जोड़ दिया गया है। बिहार के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से नाट्यशास्त्र की पढ़ाई होती और हर वर्ष दो दर्जन से अधिक की संख्या में डिग्री लेकर बेरोजगारी की जिंदगी जीने को बेबस है। जिस प्रकार ललित कला के अंतर्गत आने वाली हर कलाएं जैसे संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला आदि के अभ्यर्थियों को शिक्षक के रूप में बहाल किया जा रहा है। ठीक उसी प्रकार नाट्य और रंगमंच के कलाकार को भी एसटीईटी में शामिल कर परीक्षा में बैठने का मौका देकर रंगमंच नाट्यशास्त्र में डिग्री धारक छात्र, छात्राओं को शिक्षक के रूप में बहाल करने की मांग की है। ताकि रंगकर्मी की पढ़ाई पुरी करने वाले छात्रों की स्थिति को बदला जा सके।

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