बीएनएमयू में 47 दिनों बाद 86 कर्मचारियों का हड़ताल हुआ समाप्त


बुद्धिजीवियों की पहल पर कर्मचारी काम पर लौटे


पूर्व विधायक सहित शिक्षाविदों की पहल का कर्मचारियों पर हुआ असर


कुलसचिव को पत्र देकर हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटने का दिया पत्र


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा 


बीएनएमयू में 86 कर्मचारियों की 48 दिनों से चल रहे हड़ताल शुक्रवार की देर शाम समाप्त हो गई। पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना के पहल पर शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों ने हड़ताली कर्मचारियों से लंबी बात कर उन्हें हड़ताल समाप्त कराने के लिए मनाया। गणमान्य लोगों की दो दिनों के पहल पर शुक्रवार को कर्मचारियों पर असर दिखा। काफी नानुकुर के बाद कर्मचारियों ने उन लोगेों की बात मानते हुए काम पर लौटने का निर्णय लिया। इससे पहले गुरुवार को भी बुद्धिजीवियों ने कर्मचारियों से वार्ता की थी। लेकिन बात नहीं बनने पर शुक्रवार को फिर उनसे वार्ता की। पूर्व प्रधानाचार्य डा. परमानंद यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना, रामचंद्र विद्यापीठ के डायरेक्टर डा. रजनीश रंजन, सिंडिकेट सदस्य लैफ्टिनेंट गौतम कुमार, बीएन मुस्टा के महासचिव डा. नरेश कुमार, पूर्व एचओडी डा. अरुण कुमार, संबंद्ध कॉलेज प्रधानाचार्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक कुमार, प्रदेश महासचिव डा. माधवेंद्र झा सहित कई एचओडी, पूर्व प्रधानाचार्यों ने छात्र हित में कर्मचारियों को काम पर लौटने का आग्रह किया। उन लोगों ने कहा कि विवि के विकास में बाधक नहीं बनते हुए काम करेें और अपनी मांगों के लिए आंदोलन जारी रखें। क्षेत्र के सभी बुद्धिजीवि कर्मचारियों के साथ हैं। करीब चार घंटे तक चली लंबी वार्ता के बाद कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया। कर्मचारी नेताओ का कहना था कि हड़ताल के दौरान उन पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हो इसके लिए विवि प्रशासन से आश्वासन मिलना जरूरी है। बुद्धिजीवियों ने कहा कि पहले आप लोग काम पर लौटिए बाद में कुलपति और कुलसचिव से इस मुद्दे पर बात करेंगे। बुद्धिजीवियों द्वारा कर्मचारियों के हड़ताल समाप्त करने के निर्णय की लिखित जानकारी कुलसचिव को दी गई। मौके पर डीन डा. नवीन कुमार, एचओडी डा. अशोक कुमार यादव, पूर्व एचओडी डा. अरुण कुमार झा, प्रधानाचार्य डा. अरविंद कुमार, पूर्व परीक्षा नियंत्रक डा. गजेंद्र कुमार यादव, पूर्व प्रधानाचार्य डा. पीएन पीयूष, डा. जगदेव प्रसाद यादव, जदयू नेता प्रो. बिजेंद्र नारायण यादव, माया अध्यक्ष राहुल यादव सहित अन्य मौजूद थे। बुद्धिजीवियों के हस्ताक्षर युक्त आवेदन कुलसचिव को सौंपा: कर्मचारियों के साथ हुई वार्ता के बाद बुद्धिजीवियों के हस्ताक्षर युक्त आवेदन कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर को सौंपा गया। इन लोगों ने कुलसचिव से आग्रह किया कि कर्मचारियों के हित में उन पर सहानुभ्ज्ञूतिपूर्वक विचार किया जाए। कुलसचिव ने कहा कि कर्मचारियों से कई बार आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया गया लेकिन वे लोग नहीं माने। बुद्धिजीवियों ने कहा कि पूरानी बातों को भूल कर सब मिलजुलकर  विवि के विकास में काम को आगे बढ़ाए। 

सरकार को कर्मचारियों के मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की मांग: कर्मचारियों के हड़ताल समाप्त होने के बाद पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि स्थापना काल से विवि में काम कर रहे कर्मचारियों के हित में सरकार को सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इतने दिनों के बाद इन लोगों की नौकरी को समाप्त करना न्यायसंगत नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वे लोग कर्मचारी के साथ हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कर्मचारी कोर्ट में अपनी अर्जी लगाएं। रामचंद्र विद्यापीठ के डायरेक्टर डॉ. रजनीश रंजन, डॉ. परमानंद यादव सहित अन्य ने कहा कि कर्मचारियों के योगदान से ही विवि का विकास हो पाया है। सभी बुद्धिजीवि इनके साथ रहेंगे। मौके पर कर्मचारी नेता डॉ. राजेश्वर राय, अखिलेश्वर नारायण, संतोष कुमार, डॉ. संजीव कुमार, बिमल कुमार, हीरेंद्र कुमार पप्पू, राजेश कुमार बबलू, डॉली कुमारी, कौशिक कुमार, राज किशोर सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

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