कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा
आदमी हो या जानवर प्यार एक दुसरे को जोड़ने का अमोघ मंत्र है। ऐसा ही मधेपुरा में आदमी और तोता की दोस्ती देख हर कोई अचंभित है। इसे आप भी देखेंगे तो कहेंगे वाह क्या पक्षी और आदमी की दोस्ती है। जी हां गुरुकुल से साहित्य, धार्मिक एवं सनातनी शिक्षा प्राप्त कर मधेपुरा प्रखंड के सुखासन गांव लौटे नीतीश आनंद एवं तोता की दोस्ती देखते ही बनती है। हमलोग अक्सर इंसानों से दोस्ती करते है। और अधिकतर समय उनके साथ बिताते है, लेकिन मै आपको बता दूँ कि पशु-पक्षी से भी दोस्ती की जाती है। यह दोस्ती एक ऐसी दोस्ती होती है जो एकदम निस्वार्थ होती है। जबकि आदमी की दोस्ती बिल्कुल स्वार्थ से घिरी रहती है।नीतीश आनंद और तोते की दोस्ती ऐसी है कि नीतीश जहां भी जाते हैं ट्रेन, बस, साईकिल और मोटरसाइकिल पर तोता भी उसी के साथ कंधे पर बैठकर जाता है। यानी एक मिनट भी अगल नहीं रहती है। आनंद कहते हैं कि मैं पिंजड़े में कैद कर कभी तोता को नहीं रखा आदमी के तरह खुले में घूमती है रहती है खाती पीती है। उन्होंने कहा कि पशु पक्षी आदमी के तरह ही ज्ञानी होती है जरूरत है उससे प्यार करने का। इस बाबत स्थानीय निवासी दीपक कुमार सिंह कहते हैं कि हमने पहली बार तोता और आदमी की दोस्ती देखी है। उन्होंने कहा कि जब से दुनिया में आदमी की सृष्टि हुई है उसी काल से ही इंसान और जानवर की दोस्ती देखने को मिलती है। और उनकी कहानियां भी है। कुत्ता, बिल्ली, गाय, चिड़िया, तोता, कोयल आदि पशु पक्षियों का इंसान के साथ बहुत ही करीबी रिश्ता रहा है। यह देखने में बहुत ही आकर्षक होते है और इन्हें घरों में पाला भी जाता है। दीपक कुमार कहते हैं अगर संस्कृति को बचाना है तो पशु-पक्षियों से मित्रता कीजिए।