ग्वालपाड़ा मधेपुरा
अनीश कुमार की रिपोर्ट
पूरा मामला बिहार सरकार के शिक्षा विभाग का है, जहां दो शिक्षकों में विद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार व लूट-खसोट को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों में भयंकर मारपीट हो गई। और यह शुक्रवार का ही मामला नहीं है बल्कि स्थानीय लोगों की मानें तो आए दिन दोनो में झगड़ा होता रहता है। दोनो की लड़ाई का असर सीधा-सीधा बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। इसी के चलते गांव वालों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को मौके पर बुलाया और दोनों के आपसी-सदभाव तथा भ्रष्ट प्रधानाध्यापक पर कानुनी कारवाई करने की बात कहीं। वहीं अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो स्कूल में ताला जड़ने की ग्रामीणों ने चेतावनी भी दे दी। दरअसल पूरा मामला बिहार के मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय रेशना का है। जहा दो शिक्षकों के बीच जमकर मारपीट हुआ। यह मारपीट स्कूल के प्रधानाध्यापक निवास कुमार एवं शिक्षक दिलीप कुमार व दीपक के बीच हुई। मामले की जानकारी मिलते ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विभा कुमारी ने विद्यालय पहुंचकर मामले की जांच-पड़ताल की। जहां पर विद्यालय के सम्बंधित प्रत्येक कार्यों में लूट-खसोट तथा भाड़ी अनियमितता पाई गई। इस मामले को लेकर ग्रामीणों तथा एवं छात्र-छात्राओं ने बीईओ श्रीमती कुमारी को बताया कि मारपीट के मामले की वजह विद्यालय के एचएम द्वारा अवैध रूप से तथा दबंगई दिखाते हुए विद्यालय का विकासात्मक राशि घोटाला सहित विद्यालय को सुचारू रूप से नहीं चलाना एवं एवं मध्याह्न भोजन योजना में लूट-खसोट को लेकर एचएम और शिक्षक के बीच कहा सुनी शुरू हो गई। विवाद बढ़ते-बढ़ते मारपीट में तब्दील हो गया। शिक्षक दिलीप कुमार ने बताया कि एचएम विद्यालय में मनमानी ढ़ंग से कार्य करते हैं। इसी बात को कहने पर धक्का-मुक्की कर मारपीट पर उतारू हो गए। इस मामले को लेकर बीईओ ने प्रधानाध्यापक और शिक्षक के आपसी विवाद का सुलझाने की कोशिश की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इस दौरान आक्रोश में आकर छात्र-छात्राओं एवं उपस्थित शिक्षकों ने बीईओ को तकरीबन 3 घंटे तक कार्यालय में ही घेर कर रखा। या यूं कहें कि बंधक बना कर रखा। वहीं उक्त मामले को लेकर अभी तक बीईओ सहित वरीय अधिकारी इस मामले पर कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है। बरहाल मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इन मामलों में अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से थाने में आवेदन नहीं दिया गया है। हालांकि विधि-सम्मत कार्रवाई हेतु बीईओ को लिखित आवेदन पीड़ित शिक्षक दिलीप कुमार द्वारा दिया गया है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि शिक्षा के मंदिर में लूट-खसोट करने तथा भ्रष्टाचार में लिप्त एचएम के ऊपर कारवाई होती है? या फिर माया, लोभ, मोह और प्रपंच में फंसकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ऐसे भ्रष्ट एचएम को संरक्षण देने का काम करते हैं? या फिर विद्यालय के विधि-व्यवस्था व हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर दो शिक्षकों में मारपीट के मामले में कार्रवाई होती है।